Book Title: Jain Pustak Parichay
Author(s): Sarabhai Manilal Nawab
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab
View full book text
________________
13
१-८
मंत्राधिराज चिंतामणी-६४ यंत्र सहित गुजराती लांबी प्रस्तावना-साराभाइ नवाब-प्राचीन जैनस्तोत्रसंदोहनो द्वितीय भाग
७-८ अनेकार्थसाहित्यसंग्रह-चतुरविजयजी
२-० काव्यमाला---( सप्तम गुच्छक ) ( जेनी अंदर भक्तामर सिंदुर प्रकरण वगेरे अनेक सुंदर स्तोत्रो छे ) जयंतविजय---(अभयदेवसूरि) प्रभावक चरित्र--(प्रो. हीरानन्द शास्त्री) वाग्भट्टालंकार-(सटीक) (महाकवि वाग्भट्ट ) ०-८ काव्यानुशासन-( सटीक ) ,
०-७ अध्यात्मकल्मद्रुम-मूल मात्र
०-८ ललितविस्तरावृत्ति [सं. सागरानन्दसूरीश्वरजी] ०-१० तत्त्वतरंगिणी बृहसिद्धमभाव्याकरणं
२-८ पुष्पमाला-मलधारी हेमचंद्रकृत स्वोपज्ञटीका ,, तत्त्वार्थटीका हरिभद्रीया बुद्धिसागर विशेषावश्यकटीका (भाग बे) (कोटयाचार्यकृता) , भवभावनावृत्तिः पूर्वार्ध उत्तरार्ध ,,
७-२ कल्पकौमुदी सटीक षोडशकमकरण सटीक
१-८ षडावश्यकसूत्राणि
०-८
०
१
०
१
२-०
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68