Book Title: Jain Pustak Parichay
Author(s): Sarabhai Manilal Nawab
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab

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Page 15
________________ दशकुमारचरित्रमृच्छकटिकमालतीमाधव ―― मुद्राराक्षसहितोपदेश पंचतंत्र - भट्टिकाव्य . १५ ( दंडिकृत ) ( शूद्रक कवि ) ( महाकवि भवभूति ) [ जयमङ्गलकृत टीका ] जैनन्याय अनेकांतजयपताका बे टीका सहित भाग १ सन्मतितर्क –— पांच भाग (सं. पं. सुखलालजी तथा बेचरदासजीः मूलकार सिद्धसेन दिवाकर, टीकाकार अभयदेवसूरि स्याद्वादमंजरी (हिंदी अनुवाद सहित ) ममाणमीमांसा " पं. सुखलालजी दरेक भागना दश सन्मतितर्क - ( गूजराती अनुवाद विस्तृत प्रस्तावना) नयोपदेश - ( सटीक कर्ता उ. यशोविजयजी ) स्याद्वादमंजरी - ( अंग्रेजी अनुवाद तथा विशिष्ट टिप्पणो साथे संपादक - डॉ. आनन्दशंकरभाइ ध्रुव) स्याद्वादरत्नाकर—भाग पांच लघीयस्त्रयीम् न्यायावतार — सटीक ( सं. प्रो. वैद्य ) १ - १२ १-४ २-० ܕܕ २-८ ०-१२ १-४ २-८ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat १०-० ५०-० १-८ १ -८ ११-० ४-८ -0 ११-० -0 १-८ www.umaragyanbhandar.com

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