Book Title: Jain Pustak Parichay
Author(s): Sarabhai Manilal Nawab
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab

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Page 11
________________ समाचारी प्रकरण चतुर्भगी , जैन मेघदूत २-०. चतुर्विंशति ऐंद्रस्तुति सुकृतसंकीर्तन , ..१-० उपदेशपद सटीक-बे भाग (कर्ता हरिभद्रसूरीश्वरजी) ८-० श्रीपाल चरित्र ०-१४ निर्वाणकलिका-(कर्ता पादलितसूरि) १-८ विचाररत्नाकर- (सं. सागरानंदसूरीश्वरजी) ३-० पंचसंग्रह सटीक—प्रथम भाग २-८ पंचवस्तु सटीक—(कर्ता श्री हरिभद्रसूरि) ,, ३-० तत्त्वार्थाधिगम सभाष्य-सचित्र (सं. श्रीमोतीलाल लाधाजी) ३-४ तत्त्वार्थाधिगम-पूर्वार्ध उत्तरार्ध-सटीक (प्रो. हीरालाल कापडीया) टीकाकार-सिद्धसेनगणि १२-० लोकप्रकाश प्रथम भाग (श्री सागरानंदसूरि) ३-०. लोकप्रकाश-मूल २-३-४ भागना • लोकप्रकाश-गुजराती अनुवाद प्रथम द्वितीय भाग प्रत्येकना ३-८ लोकप्रकाश तृतीय भाग चर्तुविंशतिका सचित्र बप्पभट्टिकृत टीका तथा गूजराती..... . भाषांतर अने. शब्दकोश साथे [सं. प्रो. हीरालाल. कापडिया] ६-. भक्तामर स्तोत्र पादपूर्ति-काव्यसंग्रह बे भाग[बीजुउपर प्रमाणे]६-८ चतुर्विशतिका सचित्र चार टीकायुक्त शोभनमुनिकृता. . . . .6--0 ३-८ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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