Book Title: Jain Purano ka Sanskrutik Aavdan
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 10
________________ अनागत पुण्य पुरुष अनागत कुलकर महापुराण के अनुसार हरिवंशपुराण के अनुसार कनक मपु०७६.४६३ हपु० ६०.५५५ मपु०७६.४६४ 3 हपु० ६०.५५६ मपु०७६.४६५ ८. कनक कनकप्रभ कनकराज कनकध्वज कनकपुंगव नलिन नलिनप्रभ नलिनराज नलिनध्वज नलिनपुंगव पद्मप्रभ पद्मराज पद्मध्वज पद्मपुंगव कनकप्रभ कनकराज कनकध्वज कनकपुंगव नलिन नलिनप्रभ नलिनराज नलिनध्वज नलिनपुंगव पद्म पद्मप्रभ पद्मराज पद्मध्वज पद्मपुंगव महापद्म १०. ११. हपु० ६०.५५७ १२. मपु० ७६.४६६ १३. : अनागत तीर्थकर महापुराण के अनुसार हरिवंशपुराण के अनुसार नाम तीर्थकर माम तीर्थकर सन्दर्भ मपु० ७६.४७७ हपु० ६०.५५८ महापदम सुरदेव सुपाव स्वयंप्रभ सर्वात्मभूत मपु० ७६.४७८ हपु० ६०.५५९ देवपुत्र कुलपुत्र उदंक महापद्म सुरदेव सुपार्श्व स्वयंप्रभ सर्वात्मभूत देवदेव प्रभोदय उदंक प्रश्नकीर्ति जयकीति सुव्रत अर पुण्यमूर्ति निष्कषाय विपुल १०. मप० प्रोष्ठिल जयकीति मुनिसुव्रत अरनाथ अपाप निष्कषाय विपुल १२. हपु० .५६० Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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