Book Title: Jain Purano ka Sanskrutik Aavdan
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 20
________________ परिशिष्ट जेन पुराणकोश : ११ प्रत्येक निकाय में होनेवाले विशिष्ट देव-भेद १. इन्द्र २. सामानिक ३. त्रायस्त्रिश ४.पारिषद ५. आत्मरक्ष ६. लोकपाल ७. अनीक ८. प्रकीर्णक ९. आभियोग्य १०. किल्विषिक मपु० २२.१४-२९, वीवच० १४.२५-४१ ध्यान-भेद आर्तध्यान के भेद १. इष्ट वियोगज २. अनिष्ट संयोगज ३. निदानप्रत्यय ४. वेदनोद्गमोद्भव मपु० २१.३४-३५ रौद्रध्यान के भेद १. हिंसानन्द २. मृषानन्द ३. स्तेयानन्द ४. संरक्षणानन्द मपु० २१.४३ धर्मध्यान के भेद १. अपायविचय २. उपाय विचय ३. जीवविचय ४. अजीवविचय ५. विपाकविचय ६. विरागविचय ७. भवविचय ८. संस्थानविचय ९. आज्ञाविचय १०. हेतुविचय मपु० २१.१४०-१६०, हपु० ५६.४०-५० शुक्लध्यान १. पृथकत्ववितर्कवीचार २. एकत्ववितर्कवीचार मपु० २१.१६८ परमशुक्लध्यान १. सूक्ष्मक्रियापाति २. समुच्छिन्नक्रियानिवर्ति मपु० २१.१९५-१९६ परीषह तथा धर्म-भेद परीषह १. क्षुधा २. तृषा ३. शीत ४. उष्ण ५. दंश मशक ६. नाग्न्य ७. अरति-रति ८. स्त्री ९. चर्या १०. भू-शय्या ११. निषद्या १२. आक्रोश १३. वध १४. याचना १५. अलाभ १६. अदर्शन १७. रोग १८. तुणस्पर्श १९. प्रज्ञा २०. अज्ञान २१. मल २२. सत्कार पुरस्कार मपु०११.१००-१०२ धर्म १. उत्तम क्षमा २. उत्तम मार्दव ३. उत्तम आर्जव ४. उत्तम शौच ५. उत्तम सत्य ६. उत्तम संयम ७. उत्तम तप ८. उत्तम त्याग ९. उत्तम आकिंचन्य १०. उत्तम ब्रह्मचर्य मपु०११.१०३-१०४ शौच धर्म को पाँचवाँ धर्म भी कहा है मपु० ३६.१५७-१५८ पुद्गल, मंगल द्रव्य, नय और नरक भूमियाँ पुद्गल के छः भेद १. सूक्षमसूक्ष्म २. सूक्ष्म ३. सूक्ष्मस्थूल ४. स्थूल-सूक्ष्म ५. स्थूल ६. स्थूल-स्थूल मपु० २४.१४९ अष्ट मंगल-द्रव्य १. छत्र २. ध्वजा ३. कलश ४. चमर ५. सुप्रतिष्ठक/ठोना। ६. झारी ७. दर्पण ८. ताड़-पंखा मपु० १३.३७,९१ नय १.नेगम २. संग्रह ३. व्यवहार ५. शब्द ६. समभिरूढ ७. एवंभूत हपु० ५८.४१ नरक-भूमियाँ नरक-भूमियों के रुदनाम १. रत्नप्रभा धर्मा २. शर्कराप्रभा ३. बालुकाप्रभा शिला (मेघा) ४. पंकप्रभा अंजना ५. धूमप्रभा अरिष्टा ६. तम-प्रभा माधवी ७. महातम प्रभा माधवी मपु० १०.३१-३२ वंशी भरतेश द्वारा स्तुत वृषभदेव के १०८ नाम (महापुराण पर्व २४.३०-४५) क्रमांक नाम श्लोक क्रमांक नाम कोक १. अक्षय्य ३५ १५. अनश्वर २. अक्षर ३५ १६. अनादि ३. अग्रय ३७ १७. अनित्वर ४. अच्युत ३४ १८. अपार ५. अज ३० १९. अपारि ६. अजर ३४ २०. अमध्योपिमध्यम ७. अणीयान् ४३ २१. अयोनिज ८. अर्धमारि २२. अरज ९. अधिज्योति ३४ २३. अरहा १०. अधिदेव ३० २४. अरिहा ११. अध्वर २५. अर्हत् १२. अनक्ष ३५ २६. आज्य १३. अनक्षर ३५ २७. आत्मभू १४. अनन्त ३४ २८. आदिदेव Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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