Book Title: Jain Purano ka Sanskrutik Aavdan
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 11
________________ २: जैन पुराणकोश परिशिष्ट निर्मल " मपु० ७६.४८० ४८० १८. हपु० ६०.५६१ चित्रगुप्त समाधिगुप्त स्वयंभू अनिवर्ती विजय १९. २०. २०. निर्मल चित्रगुप्त समाधिगुप्त स्वयंभू अनिवर्तक जय विमल दिव्यपाद अनन्तवीर्य २१. २२. २३. २१. २२. विमल देवपाल अनन्तवीर्य मपु० ७६.४८१ २४. हपु० ६०.५६२ अनागत-तीर्थकर-होनेवाले जीव मपु०७६.४७१ मपु०७६.४७३ ७६.४७२ १. श्रणिक २. सुपाव ३. उदंक ४. प्रोष्ठिल ५. कटत ६. क्षत्रिय ७. श्रेष्ठी ८. शंख ९. नन्दन १०. सुनन्द ११. शशांक १२. सेवक १३. प्रेमक १४. अतोरण १५. रैवत १६. वासुदेव १७. बलदेव १८. भगलि १९. वागलि २०. द्वैपायन २१. कनकपाद २२. नारद २३. चारुपाद २४. सात्यकिपुत्र ७६.४७४ मपु० ७६.४७३ अनागत चक्रवर्ती महापुराण के अनुसार मपु०७६.४८२ ०६०.५६३ मपु०७६.४८३ १. भरत २. दीर्घदन्त ३. मुक्तदन्त ४. गूढ़दन्त ५. श्रीषेण ६. श्रीभूति ७. श्रीकान्त ८. पद्म ९. महापद्म १०. विचित्रवाहन ११. विमलवाहन १२. अरिष्टसेन हरिवंशपुराण के अनुसार १. भरत २. दीर्घदन्त ३. जन्मदत्त ४. गूढदन्त ५. श्रीषण ६. श्रीभूति ७. श्रीकान्त ८. पद्म ९. महापद्म १०. चित्रवाहन ११. विमलवाहन १२. अरिष्टसेन हपु० ६०.५६४ मपु०७६.४८४ हपु०६०.५६५ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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