Book Title: Jain Itihas Author(s): Kulchandrasuri Publisher: Divyadarshan Trust View full book textPage 3
________________ ॥ श्री आत्म-कमल-वीर-दान-प्रेम-भुवनभानु--जयघोषसूरिसद्गुरुभ्यो नमः॥ जैन इतिहास लेखक सिद्धांतमहोदधि स्व. प.पू.आ. श्री प्रेमसूरिश्वरजी म.साहेब के चरमशिष्यरत्न प.पू. वैराग्यवारिधि आचार्यदेव श्रीमद् विजय कुलचंद्रसूरीश्वरजी महाराजा TuuuuuuuuuulPage Navigation
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