Book Title: Jain Darshan me Shwetambar Terahpanth
Author(s): Shankarprasad Dikshit
Publisher: Sadhumargi Jain Shravak Mandal Ratlam
View full book text
________________
(१४१) गाय को अन्तराय दी। एक तीसरा आदमी भी वहाँ खड़ा है, जिसने मेंढक मछली की भी दया नहीं की, और गाय को भी अन्तराय नहीं दी, उसको भी पानी पीने से नहीं रोका, तो इन तीनों में से सच्चा दयावान कोन ठहरा ? . इस तरह भोले लोगों से प्रश्न करते हैं। भोले लोग कह देते हैं, कि 'जो चुपचाप खड़ा रहा, वही सच्चा दयावान है। परन्तु हम इस युक्ति को दूसरे रूप में रखते हैं । । । ... एक गाय प्यासी बंधी थी। एक दयालु पुरुष को यह मालूम नहीं था, कि तलैया में पानी कम है, और मेंढक मछली मर जावेंगे, इसलिए उसने गाय को पानी पीने के लिए खोल दिया। दो आदमियों को . यह मालूम था, कि वलयां में पानी कम है, मेंढक मछली ज्यादा है, और यह प्यासी गाय वहाँ पानी पीने के लिए. जावेगी, तो मेंढक मछली की हिंसा हो जावेगी। यह मालूम होने पर भी एक आदमी तो चुप चाप ही खड़ा रहा, परन्तु दूसरे आदमी ने अपने घर से घोवन का मचित पानी लाकर गाय को पिला दिया। इस तरह उसने गाय की भी दया को और मेंढक मछली की भी दया की। अब इन दोनों श्रादमियों में से कौन अच्छा है ? जो चुप चाप खड़ा रहा वह दयाल हैं, या जिसने गाय की भी रक्षा की तथा मेंढक मछली की भी रक्षा की, वह दयालु है। दोनों में कोई अन्तर है या नहीं.१ दोनों
१