Book Title: Jain Center of America NY 2005 06 Pratishtha
Author(s): Jain Center of America NY
Publisher: USA Jain Center America NY
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Quotes from Visitor Book
तीर्थकर परमात्मा का सामान दर्शन जैसा मानंदाच्या तीर्थकरकां दशौज करते हए अब सेंकडो आत्माए इन दान करते सम्यगदर्शन पाएगी वो लम सो नाकाबेन रजनी भाइको मिल रहा हे पो मी हो सकता है तो मोतसे जाने लाकी आत्मा हो ऐसा महसुस हो। बारे बस की कामना कमेंटे मोजमोले
की. पू. सूर्यदेव कलापूर्ण सू. म. या समुदायवान
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