Book Title: Jain Center of America NY 2005 06 Pratishtha
Author(s): Jain Center of America NY
Publisher: USA Jain Center America NY

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Page 110
________________ सार्योशनी बेच रजवार्य देशमा यज 241 मूर्तियां प्रेरणा पाथी जयां क कैन मैमेन्तर या लेवसागर तरी मय खोना दर्शन दुरीने हुमारा ती मानुं सा महत्सूत निमित्त है t Setting up Ashtapad Mahatirth a in New York is creating. history. It will be Spiritual bridge between India & USA / East & West which will globalise the jinnani (जिनवाणी) कामेवा तो धनादेश देश है। जापा डिमती प्रस्तिथी मनने House of 52 W/or ca महालक्ष्मा प्रतिभा Bezgirt Size in cel यसमा प्रस्ट कृपानी संभा ना हर्शन हुईको হयে इसियुगना पंथमखारा पण हेयोनी शाहिन खसौडिड रजश्य सहायता लड़लोने भयेछे खमे याची सुहन मयनरम्य खहसूल मूर्ति रखा लवनी रेशमी धायला रूपने शांतिलो खनुलवर्थो क्यां पर या मूर्तिनी स्थापना यहां परखर खे भूमि, शहर, गाम अनंता पुण्यना प्रत्याचे खावी साआत मूर्तिमा दर्शन इराने पोलना तेभव खमारा केदा सर्व छोनो आत्माराम धन्यता अनुलवशे ल. विनोद श्री याला all my "J ready and withing to fu intellectual support to make this project generate Vibrations Spiritual in The Westen wied _Dv N.P. Ja जी सहकुल, वर्तना बिभरमा वाटली सुट्टी सुट्टी पायारानी बनेली देहात सूहर प्रतिमारजो पानी नथी. नीलार्थी भरतीथी हंगीमांन के यद्धुं खूब सुंदर पर्दशन लेक मंज्यु जूज सूज अनुमहिमा लिखित कुरलाई Nibaiba राय भेटलून न ला या शील हर्शण उरी व धन्यता अनुभवी की हवा हे सरांनी वर कुशवशे शारागारभिकारिक समुदाय w सुंदर भने भुगोल मन-प्रभुसित सन्धु & पंधराव्या भो भावीले (भणमान भग सभी श fa, Ingus, que Dio आस्बा सौम्य मूर्तियोनी प्रतिमा कोरे By In. YGane लामपा 108 Quotes from Visitor Book सात्माता सार्षद है. सारी मूर्ति टु प. पू. ज्याथार्थ गरछाधिपति रामसुरीश्वर असाईबाबाला) सा. पुस्पलताओं क म सा विनेन्द्र श्री anal-anean

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