Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1 Author(s): Amarmuni Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra View full book textPage 9
________________ ४. भगवान् महावीर धर्म के प्रचार में किसी से डरते नहीं थे, सदा सच बोलते थे । लोगों को धर्म का असली उपदेश देते थे । और सब लोगों की भलाई करते थे । ५. भगवान् ने सारे भारतवर्ष में धर्म का प्रचार किया । गौतम स्वामी जैसे चौदह हजार साधु और चन्दनबाला—जैसी छत्तीस हजार साध्वियाँ उनके शिष्य बने । अन्त में पावापुरी में पहुँचे । वहाँ दीवाली की रात को सदा के लिए शरीर को छोड़ कर मोक्ष प्राप्त की । भगवान् महावीर स्वामी की जय !| जैन - धर्म की जय ! अहिंसा, सत्य की जय ! - - . - - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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