Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 26
________________ डरो मत भगवान महावीर बचपन से ही बड़े बहादुर और साहसी थे । चाहे कितना ही बड़ा भय का कारण क्यों न हो, पर वे बिल्कुल नहीं घबराते थे और निडर रहते थे । ___ भगवान् महावीर बचपन में खेलने के बड़े शौकीन थे । एक बार की बात है, कि वे कुछ साथी लड़कों के साथ खेलने के लिए जंगल में पहुँचे, तो क्या देखते हैं, कि एक पेड़ के पास भयंकर काला साँप पड़ा है । लड़के देखते ही डर गए, और चिल्ला कर इधर-उधर भागने लगे। महावीर जी ने कहा-डरते क्यों हो ? क्या है, साँप ही तो है । भागो मत ! लो मैं अभी उसे दूर फेंक देता हूँ ! यह बेचारा खुद ही डरा हुआ है, तुम्हें क्या कहता है ! ___ महावीर ने आगे बढ़कर साँप की पूंछ पकड़ी और फूल माला की तरह उठा कर दूर फेंक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

Loading...

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34