Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 30
________________ १५ विद्या | जय जय, जय विद्या महारानी ! जय, जय, जय सब सुख की खानी !! तू है एक अनोखी माया ! बड़े भाग्य से तुझको पाया !! सभी धनों की तू है दाता ! ज्ञान-मान की तू है माता !! जिसने जग में तुझको पाया ! चतुर और विद्वान कहाया !! - - - - ( २६ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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