Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1 Author(s): Amarmuni Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra View full book textPage 31
________________ सबसे ऊँचा पद वह पाता ! राजा भी सिर उसे नवाता !! राजा तुझको छीन सके ना ! कोई तुझको बँटा सके ना !! देने से तू घट ना सकती ! बाँटे से तू बँट ना सकती !! तेरी करते सभी बड़ाई ! इसीलिए तू मुझको भाई !! - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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