Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 21
________________ खाना भगवत - नाम सुमरकर खाना दीन-दुखी को देकर खाना कड़ी भूख लगने पर खाना भोजन खूब चबा कर खाना मन प्रसन्न जब हो, तब खाना नियत समय आवे, तब खाना जैसा पचता, वैसा खाना पच न सके, वह कैसा खाना बार-बार मत खाना खाना चलते नहीं चबाना बैठकर खाना लेटे हुए कभी मत खाना मेहनत कर जल्दी मत खाना अधिक न मीठा-खट्टा खाना अपने जाने घर का खाना गन्दा और अभक्ष्य न खाना सुथरा सुखी सदा बन जाना 8 - - - ( २० ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

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