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खाना
भगवत - नाम सुमरकर खाना दीन-दुखी को देकर खाना कड़ी भूख लगने पर खाना भोजन खूब चबा कर खाना
मन प्रसन्न जब हो, तब खाना नियत समय आवे, तब खाना जैसा पचता, वैसा खाना
पच न सके, वह कैसा खाना बार-बार मत खाना खाना चलते नहीं चबाना बैठकर खाना लेटे हुए कभी मत खाना मेहनत कर जल्दी मत खाना
अधिक न मीठा-खट्टा खाना अपने जाने घर का खाना गन्दा और अभक्ष्य न खाना सुथरा सुखी सदा बन जाना
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