Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 15
________________ ७ जैन वह है, जो मन के क्रोध, अहंकार आदि विकारों को जीतने की कोशिश करता है, जो सदा भले काम करता है । कौन से भले काम हैं ? जैन कौन है है ? । १. सबके दुःख दूर करना । २. किसी को दुःख न देना । ३. सदा सच बोलना । ४. चोरी न करना । ५. कभी गाली न देना । ६. दुःख पड़ने पर न घबराना । ७. गरीब या अपाहिज की कभी भी हँसी न करना । सब के साथ अच्छा बरताव करना । ( १४ ) ८. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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