Book Title: Jain Bal Shiksha Part 1
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 18
________________ 1SRA महाराज श्रीकृष्ण ' महाराज श्रीकृष्ण बड़े वीर पुरुष थे । लेकिन वीर होने पर भी उनके दिल में दया कूट-कूट कर भरी हुई थी ! जब वे किसी दीन-दुःखी को देखते थे, तो वे उसका दुःख दूर करने के लिए बाकुल हो जाते थे ! ___ उनकी दयालुता की प्रशंसा यहाँ धरती पर तो हो ही रही थी, अब देवलोक में भी होने _ ! एक बार देवताओं का राजा इन्द्र देवताओं से कहने लगा-देवगण ! संसार में दयालु पुरुष तो बहुत हैं, किन्तु महाराज श्रीकृष्ण जैसा दयालु कोई नहीं हैं। ___ इन्द्र की यह बात सुनकर एक देवता ने मन में सोचा, कि श्रीकृष्ण कितने दयालु हैं, इसकी परीक्षा करनी चाहिए । वह कुत्ते का रूप ( १७ ) - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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