Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 44
________________ . अशेष-शब्द-कोश -गह- -ग्रह- (देखो, कामग्गहविणिम्मुक्का, -गामिणी -गामिनी (देखो, अणुगामिणी) कामग्गहाभिभूतप्पा, कोहग्गहऽभिभूयस्स, -गामिणो -गामिनः (देखो, कम्माणुगामिणो, णवग्गहाभावा,-पग्गह-,परिग्गहवरमणेण) दुग्गतिगामिणो, साणुगामिणो, साताणु- गहं -ग्रहम् (देखो, अब्बम्भपरिग्गहं, परिग्गहं, गामिणो, सोग्गतिगामिणो, सोताणुगामिणो) सपरिग्गह) -गामी-गामिनः (देखो, अधगामी, अहेगामी, गहणं ग्रहणम् 4.9.4 गा.4 उडुंगामी, उद्धगामी) -गहणा -ग्रहणा (देखो, दुक्खणिग्गहणा) | गामे ग्रामे 14.27.24, 25 -गहणा -ग्रहणात् (देखो, पुण्णपावऽग्गहणा) गामेसु ग्रामेषु 22.43.23 गा.7 गहणाणि गहनानि 4.9.78 गा.6 गामो ग्रामः 35.79.18 गा.17 गहणे ग्रहणे 9.19.31 गा.27 गायते गायति 38.87.20 गा.23 -गहणे -ग्रहणः (देखो, मणुस्सगहणे) । | गारवा गौरवाः 35.79.21 गा.19 गहमोहिओ ग्रहमोहितः 24.51.18 गा.35/-गारवे -गारवः (देखो, अगारवे) -गहा -ग्रहाः (देखो, पग्गहा) -गारवो -गौरवः (देखो, रिद्धिगारवो) गहावेसो ग्रहावेशः 9.19.19 गा.21 गावो गावः 41.93.9 गा.16 गहितम्मि गृहीते 15.31.4 गा.9 | -गाह- -ग्राह- (देखो, वारिग्गाहघडिउ) गहितायुधो ग्रहीतायुधः 29.65.8 गा.16 | -गाहं -ग्राहम् (देखो, मम्मगाह, सगाह) -गहिते -गृहीतः (देखो, दाणमाण-| गाहम्मि ग्राहे 9.19.12 गा.17 ............संगहिते) | गाहवज्जितं ग्राहवजितम्45.97.30 गा.26 गही ग्रही 24.51.18 गा.35 गाहाकुला ग्राहाकुला 22.43.13 गा.2 गहीणं ग्रहीणाम् 24.51.18 गा.35 | गाहादसणिवातेणं ग्राहदंशनिपातेन 21.41.21 -गहे -ग्रहः (देखो, परिग्गहे) गा.7 -गहेणं -ग्रहेण (देखो, णिग्गहेणं, परिग्गहेणं)| गाहावतिपुत्तेण गाथापतिपुत्रेण 21.39.24 -गहो -ग्रहः (देखो, परिग्गहो, संगहो) -गाहि -ग्राही (देखो, वालग्गाहि) गाओ गाव: 12.25.21 गा.1 -गाहिस्स -ग्राहिणः (देखो, अणग्गाहिस्स) -गातलट्ठी -गात्रयष्टिः (देखो, सम्भग्गगात-|-गाही -ग्राही (देखो, उत्तमट्ठवरग्गाही, लट्ठी) उत्तिमट्ठवरग्गाही) गामणगराणं ग्रामनगराणाम् 22.43.11 गा.1, | गाहेहिं ग्राहै: 20.39.7 25 गा.8 -गाहेहिं -ग्राहैः (देखो, अण्णसत्थगामिणं गामिनम् 11. 25.5 गा.1 | दिट्ठन्तगाहेहिं) -गामिणि -गामिनीम् (देखो, सव्वसत्ताणु- गिज्झति गृध्यते 24.47.3 गामिणि) | गिज्झमाणे गृध्यमानः 16.33.18 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146