Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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इसिभासियाई हिंसादाणं हिंसादानम् 28.61.29 गा.16 -हेडं -हेतुम् (देखो, परिघातहेङ) हिडाकम्मं हृतकर्म 35.79.20 गा.18, 24 हेउजुत्तं हेतुयुक्तम् 24.49.21 गा.21 गा.20
-हेऊ -हेतु (देखो, जहा-हेऊ) -हितए -हिताय (देखो, छज्जीवकायहितए)| -हेतु -हेतु (देखो, जहा-हेतु) -हिताए -हिताय (देखो, अहिताए) । -हेतु -हेतुम् (देखो, जीवणहेतु) -हिदयं हृदयम् (देखो, मणुस्सहिदयं) | हेतुभंगणयुज्जलं हेतुभङ्गनयोज्वलम् -हिदयाई हृदयानि (देखो, मणुस्सहिदयाई) 45.99.5 गा.30 हिययुप्पाडणाई हृदयउत्पाटनानि 9.17.1 | हेमं हेमम् 9.19.25 गा.24 हिमवन्तं हिमवन्तम् 45.99.12 गा.33 | हेमं हैमम् 28.63.13 गा.23; -हीण- -हीन-(देखो, पहीणसंसारवेयणिज्जे, 45.101.15 गा.50 पहीणसंसारे)
हेमप्पभा हेमप्रभा: 33.73.16 गा.15 -हीणाण -हीनानाम् (देखो, दव्वहीणाण) हेमभूसणधारी हेमभूषणधारी 24.51.16 -हीणे -हीनः (देखो, पहीणे)
गा.34 -हीणेणं -हीनेन (देखो, अप्पहीणेणं, - | हेमा हैमा 22.43.15 गा.3 पहीणेणं)
हेसं हेषा 22.43.24 गा.7 -हीणो -हीनः (देखो, धूमहीणो, -पहीणो) हो भो 13.27.4 . हीरए ह्रियते 29.65.3 गा.14 |होइ भवति 4.9.5 गा.5; 7.15.2 गा.2; हीलणाई हीलनानि 9.17.5
32.71.9 गा.3 हु खलु 4.9.6 गा.5; 8.15.133;| होऊण भूत्वा 36.81.20 गा.8
27.59.10 गा.3; 34.75.4, 77.6| होज्ज भवेत् 13.27.17 गा.6 गा.5; 35.79.18 गा.17; 43.93.22] होज्जा भवेत् 22.43.18 गा.4;45.97.32
गा.1; 44.93.28; 45.101.14 गा.49| गा.27 हुतासं हुताशम् 45.95.29 गा.11 होति भवति 9.19.10 गा.16; 35.79.28 हुतासातो हुताशात् 22.43.26 गा.9 | गा.22; 45.97.14 गा.18 -हुते -हुतः (देखो, आहुते)
-होत्त- -होत्र- (देखो, अग्गिहोत्तकुण्ड) हुयवहजाला- हुतवहज्वाला
होन्ति भवन्ति 33.73.16 गा.15 सहस्ससंकुलं सहस्त्रसंकुलम् 10.23.9 होन्ती भवन्ति 15.31.24 गा.19
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