Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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अशेष-शब्द-कोश
- संभमे - सम्भ्रमे (देखो, अग्गिसंभमे) - संभव - - सम्भव - (देखो, सव्वसंभवाभावा,
सुहदुक्खसंभवाभावा)
संभवे सम्भवः 15.29.28 गा.6 संभूते सम्भूतः 37.83.16 संमति सम्मतिम् 35.79.1 गा. 9 - संमूढो सम्मूढ: (देखो, असंमूढो) -संयोगा -संयोगात् (देखो, वह्निमारुयसंयोगा) संवरं संवरम् 9.17.17 गा.4 संवरो संवर: 9.17.16 गा.4, 25 गा.8; 26.57.15 गा. 8
संवसितुं संवस्तुम् 4.7.26 गा. 1 संवसे संवसेत् 27.59.5 गा. 1 -संवासाई -संवासानि (देखो, अप्पिय
संवासाइं)
संवासेण संवासेन 27.59.5 गा. 1;
39.89.15 गा. 1
संवुज्झमाणम्मि संवर्ध्यमान: 2.5.4 गा.4 संवुज्झमाणम्मि समुह्यमाने 15.29.22
गा. 3
-संवुड - - संवृत- (देखो, असंवुडकम्मन्ते) - संवुडं - संवृत्तम् (देखो, सुसंवुडं) संवुड - कम्पन्ते संवृत-कर्मान्त: 31.69.15 संवुडा संवृत्ता: 25.53.16 - संवुडा - संवृत्ता: (देखो, पंचिदियसंवुडा) - संवुडे - संवृत्तः (देखो, पंचेन्दियसंवुडे, सुसव्वसंवुडे)
संवुडो संवृतः 9.17.24, 24 गा.8 - संवृता - संवृत्ता: (देखो, असंवुता) संवेगो संवेग: 38.85.24 गा.10 संसरिंग संसर्गम् 33.71.25 गा.5; 28
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गा.6, 73.2 गा.8
संसगिंग - संसर्गम् (देखो, कल्लाणमित्तसंसरिंग)
संसग्गितो संसर्गत: 33.73.11 गा. 13 - संसति - - संसृति- (देखो, संसारसंसतिवोच्छेयं)
संसतीकारणं संसृतिकारणम् 24.47.7 संसरति संसरति 28.63.4 गा. 19
- संसार--संसार - (देखो, चाउरंतसंसारसागरं, चाउरन्त संसारसागरं, चाउरन्तसंसारकन्तारं, चाउरन्तसंसारकन्तारे, पहीणसंसारवेयणिज्जे, वोच्छिण्ण- संसारवेदणिज्जे) संसारं संसारम् 21.41.4; 28.63.4 गा.19 संसारंमि संसारे 2.5.5 गा.5
संसारकंतारं संसारकन्तारम् 9.17.8 संसारकन्तारं संसारकन्तारम् 24.47.1 संसारकन्ताराओ संसारकन्तारात् 11.25.3 संसारगोयरो संसारगोचरः 9.17.29 गा. 10 संसारणिव्वेढि संसारनिर्व्यष्टिम् 24.47.5, 5 संसारमग्गा संसारमार्गान् 31.67.24 संसारम्मि संसारे 4.7.25 संसारवड्ढणा संसारवर्धणा: 28.61.6 गा. 4 संसारवासं संसारवासम् 17.35.20 गा.8 संसारवाससन्ताणं संसारवासशान्तानाम्
13.27.7 गा.1
संसारसंतई संसारसंतति: 24.49.31 गा. 26 संसारसंतईमूलं संसारसन्ततिमूलम् 9.17.12
गा. 2
संसारसंसतिवोच्छेयं संसारसंसृतिव्युच्छेदम्
20.39.2
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