Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
View full book text
________________
१३६
इसिभासियाई सुमणो सुमनः 43.93.21 गा.1
45.99.30 गा.42 सुमहब्भयं सुमहद्भयम् 21.41.11 गा.2 |-सुहं -सुखम् (देखो, अव्वाबाहसुहं, सुमहिड्ढिया सुमहद्धिकाः 24.47.22| इहलोकसुहं, कण्णसुह) गा.7
-सुहं -शुभम् (देखो, -असुह) -सुमिण- -स्वप्न-(देखो, लक्खणसुमिण-सुहत्थी सुखार्थी 15.31.6 गा.10 __ पहेलियाउ)
सुहदुक्खसंभवाभावा सुखदुःखसम्भवा-सुम्ब- -शुम्ब- (देखो, दढसुम्बणिबद्धे)| भावात् 20.39.19 सुयकन्तं स्वाक्रान्तम् 45.99.14 गा.34 |सुहदुक्खे सुखदुःखे 24.47.15 गा.3 सुयती स्वपिति 34.77.6 गा.5 सुहमतं सुखमृतम् 23.45.12 -सुया -श्रुतः (देखो, पडिस्सुया) सुहाइं सुखानि 45.97.28 गा.25 सुयाणि श्रुतानि 49.3 गा.4
-सुहावहं -सुखावहम् (देखो, लोकसुहावह) सुलद्धा सुलब्धाः 12.25.25 गा.2; सुहावहा सुखावहाः 33.73.12 गा.13 41.93.7 गा.15
-सुहावहा -सुखावहा (देखो, परलोकसुहासुवति स्वपिति 35.79.28 गा.22 वहा) सुवाही स्वपिहि 35.79.19 गा.18 सुहासुहं शुभाशुभम् 24.49.13 गा.17 सुविहित सुविहित 28.63.14 गा.24 सुहिओ सुखिक: 45.99.30 गा.42 -सुसंबद्धा -सुसम्बद्धाः (देखो, धितिजोत्तसु-सुहिते सुखी 35.79.28 गा.22 संबद्धा)
सुही सुखी 7.15.2 गा.2; 9.21.5 गा.31; सुसमाहितं सुसमाहितम् 4.9.30 गा.17 | 35.79.28 गा.22 सुसमाहिते सुसमाहितः 4.11.5 गा.23 सुहुप्पत्ती सुखोत्पत्तिः 22.45.3 गा.12 सुसंवुडं सुसंवृत्तम् 26.57.25 गा.13 सुहुप्पायके सुखोत्पादकः 24.47.2 सुसव्वपरिखुडे सुसर्वपरिवृत्तः 3.5.21 सुहुमे सूक्ष्मान् 3.5.24 गा.1 सुसव्वसंवुडे सुसर्वसंवृत्तः 3.5.21 |सुहेण सुखेन 38.85.4 गा.1 सुसव्वसव्वोवरते सुसर्वसर्वोपरतः 3.5.21 -सूइए -सूच्याम् (देखो, मुद्धसूइए) सुसव्वसव्वोवसंते सुसर्वसर्वोपशान्तः 3.5.21 -सूईए -सूच्याम् (देखो, मुद्धसूईए) सुसहा सुसहा 24.47.12 गा.2 सूदइत्ताणं सूदयित्वा 30.65.28 गा.5 सुहं सुखम् 24.51.9 गा.31; 28.61.16|सूदणं सूदनम् 30.65.28 गा.5
गा.9; 30.65.25 गा.3; 34.77.6/-सूयते -सूयते (देखो, पसूयते) गा.5; 36.81.12 गा.4; 38.85.4|-सूयन्ति -सूयन्ति (देखो, पसूयन्ति) गा.1, 18 गा.7, 19, 20, 21 गा.8, 22,|-सूर- -सूर्य- (देखो, बालसूर...पकास) 23, गा.9; 40.89.22 गा.1, 28 गा.4; सूरसहगतो सूर्यसहगतः 37.83.22
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 139 140 141 142 143 144 145 146