Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
View full book text
________________
१२६
इसिभासियाई 38.85.13 गा.5
सब्भावे स्वभावे 38.87.29 गा.28 सद्धम्मचारिणं सद्धर्मचारिनाम् 22.43.21/-सभावा -स्वभावाः (देखो, मुक्खसभावा) गा.6
|सभावाओ स्वभावतः 6.13.6 गा.3, 10 सद्धम्मवक्कदाणं सद्धर्मवाग्दानम् 33.73.41 गा.5 गा.9
सभावे स्वभावे 15.29.21 गा.3, 23 सद्धम्मवारिदाणेणं सद्धर्मवारिदानेन 33.73.6 । गा.4, 25 गा.5 गा.10
| सभावेण स्वभावेन 4.9.36 गा.20, 11.1 सद्धम्मो सद्धर्मः 24.47.13 गा.2
गा.21 सद्धा श्रद्धा 26.57.24 गा.13 |-सन्ते -सति (देखो, असन्ते) सद्धी श्रद्धी 7.15.2 गा.2
सन्ते सन् 31.67.24 सद्धेयं श्रद्धेयम् 10.21.14
| सन्तो सन् 35.79.26 गा.21 -सद्धेयं -श्रद्धेयम् (देखो, असद्धेयं) | सपक्खुब्भावणाणिरए स्वपक्षोद्भावनानिरतः सधामाइं स्वधामानि 26.57.4 गा.3 | 20.39.5 सन्तं सन्तम् 1327.10 गा.3 | सपरिग्गहं सपरिग्रहम् 10.21.19 सन्तं शान्तम् 4.9.29 गा.17; 15.29.11, सपरिजणं सपरिजनम् 10.21.17 ___ 11; 36.81.2, 3
| सपुत्तं सपुत्रम् 10.21.17 -सन्तं -शान्तम् (देखो, असन्तं)
सपेहाए संप्रेक्ष्य 4.9.13 गा.9, 15 गा.10 सन्तस्स सतः 13.27.8 गा.2
सप्पं सर्पम् 15.31.5 गा.10 सन्ता सन्तः 16.33.23 गा.1
सप्पस्स सर्पस्य 15.33.10 गा.28 -सन्ताणं -शान्तानाम् (देखो, संसारवास
समं समम् 1.3.11 गा.2 सन्ताणं)
|-समं -समम् (देखो, उवसमं, कत्तिसम) सन्तातो सतः 13.27.15 गा.5 सन्ति सन्ति 36.81.15 गा.5
समचित्ता समचित्ताः 45.97.24 गा.23 सन्ति शान्तिम् 36.81.14 गा.5
समज्जिणित्ता संमाळ 18.37.2; सन्ती शान्तिः 5.11.16 गा.2
25.53.12; 39.89.12 सन्ते सति 15.31.21 गा.18
समज्जितं समर्जितम् 2.5.11 गा.8 -सब्भावं -सद्भावम् (देखो, असब्भाव) |समणसंपया श्रमणसंपदा 27.59.4 सब्भाववकविवसं स्वभाववकविवशम समणा श्रमणाः 10.21.14; 14.27.24 33.73.7 गा.11
समणुजाणन्ति समनुजानन्ति 25.53.7, 8, -सब्भावा -सद्भावात् (देखो, लक्खण-| 9, 10 सब्भावा)
| समणे श्रमणः 25.55.14, 17, 20
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146