Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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११२
इसिभासियाई 33.71.24 गा.4; 41.91.16 गा.6 | 24, 24, 25, 25; 38.85.14 गा.5, वा वा 3.5.24 गा.1,26,26 गा.2.7.1.I 18, 18, 19, 19 गा.7, 20, 21, 21
1 गा.3,7 गा.5;4.9.1, 1 गा.3, 2, 3, गा.8, 22, 22, 23 गा.9, 30 गा.13, गा.4, 15 गा.10, 18 गा.11, 19 गा./ 87.1, 2 गा.14,3 गा.15,9 गा.18, 12, 26 गा.15, 31 गा.18, 32, 32, 12 गा.19, 20 गा.23, 30 गा.28; 33,34,34 गा.19, 35 गा.20, 11.1, 41.91.9 गा.2, 10 गा.3, 26 गा.11; 1 गा.21; 6.13.3 गा.2, 11 गा.6; 45.95.16 गा.4, 20 गा.6, 22 गा.7, 9.19.4 गा.13, 21.2 गा.29, 31 24 गा.8, 29 गा.11, 30, 97.6 गा.30, 14.27.24, 25; 15.31.8| गा.14, 8 गा.15, 13 गा.18, 99.1 गा.11, 12 गा.13, 14 गा.14, 16| गा.28, 3, 3, 4,4 गा.29, 7, 8, 8 गा.15, 29 गा.22; 16.33.14;| गा.31, 10 गा.32, 12 गा.33, 14 17.35.11 गा.5; 19.37.14 गा.3;/ गा.34, 101.4 गा.44, 15, 15 21.41.25 गा.9, 27 गा.10; गा.50, 19.20 गा.52 22.43.15 गा.3, 17 गा.4, 23 गा.7, वागरणं व्याकरणम् 15.29.10 45.1 गा.11, 3, 4, गा.12; 24.47.5, -वागल चीरिणा -वल्कलचीरीणा (देखो, 5,5, गा.13, 10, 10 गा.1, 11, 12, वियत्तवागलचीरिणा) गा.2, 15 गा.3, 17 गा.4, 18 गा.5,21| वाणी वाणी 38.85.27 गा.11 गा.6, 49.6 गा.13, 9 गा.15, 15| वाततो वाततः 33.73.12 गा.13 गा.18, 26 गा.23, 30 गा.25, 51.2| -वातो -वादः (देखो, कित्तिवातो) गा.27, 4 गा.28, 22 गा.37; -वादं -वादम् (देखो, मुसावाद) 25.53.7; 26.57.29 गा.15%; -वादिणो -वादिनः (देखो, सुद्धवादिणो) 27.59.13 गा.5; 28.61.22 गा.12, -वादो -वादः (देखो, जणवादो) 26 गा.14; 29.63.24 गा.3, 65.4 वाधी व्याधिः 36.81.6 गा.1 गा.14, 8 गा.16; 30.65.25, 25] -वाबाह- -व्याबाध-(देखो, अव्वाबाहसुह) गा.3; 31.67.8, 9, 9, 10, 10, 10; -वाबाहं -व्याबाधम् (देखो, अव्वाबाह) 32.71.11 गा.4; 33.73.11, 11 वामणुजोजितं वामानुयोजितम् 45.101.3 गा.13; 34.75.2, 2 (3 बार), 6 (4/ गा.44 बार), 7, 8 (5 बार), 10, 10, 13, 13, -वायं -वातम् (देखो, णिवायं) 14, 14, 77.2, 2 गा.3; 35.79.30/ वायपदोसं वाक्प्रदोषम् 38.85.14 गा.5 गा.23; 26.81.16 गा.6 22 गा.9, 27 वायसा वायसाः 4.9.31 गा.18 गा.11, 31 गा.12; 37.83.23, 23,| वाया वाक् 9.21.3 गा.30
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