Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 116
________________ अशेष- शब्द-कोश -वय- -व्रत- (देखों, पंचमहव्वयजुत्ते) - वयण- -वचन- (देखो, सव्वण्णुवयणाहितो) वयणं वचनम् 27.59.9 गा.3 -वयणं -वचनम् (देखो, अलियवयणं, जिणिन्दवयणं) वयणा वचनात् 4.9.25, 25 गा.15 -वयणे -वचने (देखो, सव्वण्णुवयणे) -वया - व्रताः (देखो, पंचमहव्वया) वयामो व्रजाव : 10.23.11 वयासि अवादीत् 10.23.12 वयासी अवादीत् 10.23.5; 25.53.2, 4 वयोवस्था वयोवस्था 24.49.15 गा. 18 -वरग्गाही -वरग्राही (देखो, उत्तमट्ठवरग्गाही, उत्तमवगाही) वरत्तं वस्त्रम् 18.37.4 गा. 1 वरिसवकण्हेण वर्षपकृष्णेन 18.35.31 वरुण-विहाणे वरुणविधान: 37.83.16 वरुणेणं वरुणेन 44.93.29 -वरेसु -वरेसु (देखो, आवाहविवाहवधूवरेस्) वरो वरः 28.63.11 गा.22 वल्लिच्छेया वल्लिच्छेदा: 24.47.15 गा.3 वल्ली वल्ली 24.49.19 गा.20, 25 गा.23 वल्लीणं वल्लीनाम् 24.49.22 गा.21, 24 गा. 22 वल्लीघणाणि वल्लीघनानि 4.9.7 गा.6 वल्लीमूलं वल्लीमूलम् 24.49.19 गा.20 वल्लीय वल्लया: 15.29.21 गा.3, 25 गा. 5, 26 ववगतरागदोसा व्यपगतरागद्वेषाः 25.53.16 ववगयकुसले व्यपगतकुशल: 27.59.37 गा. 7 Jain Education International ववगयचउक्कसाया 25.53.18 १११ व्यपगतचतुः कषायाः ववरोवेज्जा व्यपरोपयेत् 34.75.17 ववरोवेति व्यपरोपयति 34.75.14, 18 ववसातो व्यवसाय: 26.57.23 गा.12 वसए वसेत् 6.13.17 गा. 9 वसं वशम् 22.43.12 गा. 1 - वसं - वशम् (देखो, - विवसं) वसणुस्सवकारणं व्यसनोत्सवकारणम् 24.47.17 गा.4 - वसा -वशाः (देखो, अवसा, विवसा) - वसितुं - वस्तुम् (देखो, संवसितुं) वसीकतं वशीकृतम् 6.11.26 वसुंधरं वसुंधराम् 45.97.7 गा.15 वसुंधरा वसुंधरा 38.87.5 गा. 16 वसुयिकं वसुधैका 26.57.24 गा. 13 - वसे - वसेत् (देखो, संवसे) - वसो - वशः (देखो, सवसो) - वहण - - वहन- (देखो, सवहणकिच्चं ) वहणाई वहनानि 9.15.22 - वहणाई - व्यथनानि (देखो, पव्वहणाइं) वहते वहते 4.11.6 गा. 23 - वहतो -वहत: (देखो, विप्पवहतो) वहन्तं वहन्तम् 33.71.22 गा. 3 - वहन्ता - वहन्ता (देखो, उव्वहन्ता) वहाए वधाय 39.89.16 गा.1 वहिस्सति वहिष्यति 25.55.14 वह्निमारुयसंयोगा वह्निमारुतसंयोगात् 9.19.25 गा.24 वा इव 22.43.15 गा.3, 16; 24.51.8 गा. 30, 10गा. 31; 29.65.10 गा. 17; For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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