Book Title: Isibhasiyaim ka Prakrit Sanskrit Shabdakosha
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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७५
अशेष-शब्द-कोश नु ननु 20.39.6
12.25.24 गा.2 नेओ ज्ञेयः 9.17.25 गा.8
|पंचवणीमगसुद्धं पञ्चवनीपकशुद्धाम् -नेयं -ज्ञेयम् (देखो, विनेयं) ___41.93.6 गा.15 नेव नैव 39.89.4 गा.1
पंचवण्णाइं पञ्चवर्णानि 10.23.4 नो न 3.5.21; 11.23.23; 21.41.2|पंचसमिते पञ्चसमितः 35.77.16 (2 बार)
|पंचहिं पञ्चभिः 29.63.23,23 गा.2; नो नो 9.17.8
34.73.25
पंचिंदियसंवुडा पञ्चेन्द्रियसंवृत्ताः -पइण्णं -प्रचीर्णम् (देखो, सुप्पइण्णं) | 25.53.19 पउमिणी पद्मिनी 22.43.14 गा.2 पंचिन्दियाइं पञ्चेन्द्रियाणि 35.79.21 पउमिणीसण्डं पद्मिनीषण्डम् 45.97.30/ गा.19 गा.26
|पंचेन्दियसंवुडे पञ्चेन्द्रियसंवृतः 35.77.16 पउंजए प्रयोजयेत् 27.59.12 गा.4 |पंचेव पञ्चैव 26.57.20 गा.11 पउंजे प्रयुनक्ति 27.59.15 गा.6 -पंजर- -पञ्जर- (देखो, कामपंजरसंबद्ध) पओगसो प्रयोगतः 24.51.22 गा.37 पंडिए पण्डितः 28.63.8 गा.21 -पओगाइं -प्रयोगानि (देखो, पियविप्प- पंथाणं पथाम् 12.25.26 गा.3 ओगाई)
| पकति प्रकृतिम् 24.49.12 गा.16
पकति पर -पओगे -प्रयोगान् (देखो, पियविप्पओगे) | पकरेति प्रकरोति 31.69.16 पओतेणं -प्रयोगेन (देखो, सम्मामिच्छा-|-पकासं -प्रकाशम् (देखो, बालसूर.... पओतेणं)
णिकरपकासं) पंच १ञ्च 16.33.22 गा.1, 24 गा.2, |पकासी प्राकार्षीत् 31.69.9
20.37.23, 29.63.22, 22 गा.2, | पकुव्वती प्रकरोति 15.31.6 गा.10 65.1 गा.13; 31.69.20; | पकुव्वन्ति प्रकुर्वन्ति 15.31.15 गा.15; 38.85.16 गा.6
45.95.23 गा.8 पंचमहब्भूतखन्ध- पञ्चमहाभूत- |-पक्ख- -पक्ष- (देखो, सपक्खुभावमेत्ताभिधाणाइं स्कन्धमात्राभिधानानि | णाणिरए) 20.39.2
-पक्खं -पक्षम् (देखो, विपक्खं) पंचमहव्वयजुत्ते पञ्चमहाव्रतयुक्त: 34.77.5/ पक्खिणो पक्षिण: 33.73.15 गा.15; गा.5
___41.91.16 गा.6 पंचमहव्वया पञ्चमहाव्रताः 25.53.19 | पक्खिता पक्षिणः 38.87.20 गा.23 पंचवणीमकसुद्धं पञ्चवनीपकशुद्धाम् | पक्खित्ते प्रक्षिप्तः 10.23.1,2
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