Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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६२४
मरु-गुर्जर जैन साहित्य गयसुकुमालराज १२५
गौतमस्वामीरास ३८० गर्भबलि ५११
ग्यारहगणधरस्तवन ३२६ गर्भवेलि ४७८, ४८३
चउवीसगीत १६८ गर्भविचारस्तोत्र २५३
चउवीसजिनस्तवन १९३ गाथासप्तशती ९५
च उशरणअध्ययनबालावबोध गिरनारचैत्यपरिपाटी २३३,
६०१ ५३९
चउशरणप्रकीर्णक बालावबोध गिरनारिधवल ३८१
६०४ गीत ३७०, ४४३
चक्रेश्वरीस्तोत्र ११३ गीतार्थपदावबोधकुलक ४२३ चतुःपर्वीरास २१३, ५६९ गुणनिधानसूरिस्तुति ५६५ चतुर्गतिचौपाइ ४२१ गुणमालाचौपाइ १००
चतुर्विंशतिजिनचतुष्पदिका १८९ गुणरत्नसूरिविवाहलउ ४१८ चतुर्विंशतिजिनतीर्थमाला ३४० गुणरत्नाकरछन्द ५१०, ५६९ ।। चविंशतिजिननमस्कार ५०८ गुणस्थानकविचारचौपाइ २९४ चतुर्विंशतिजिनस्तव ४१४ गुरावलीरेलआ २०३, २०४ चतुर्विंशतिजिनस्तबन ४७८ गुरु-गुणरत्नाकर ३२१
चतुर्विंशतिजिनस्तवन (अपभ्रंश) गुरुगुणरत्नाकरकाव्य ५२७ गुरुछन्द ५०५
चतुर्विंशतिनमस्कार २४५ गुरुछत्रीसी ४२३
चविंशतिप्रबन्ध २२३ गुर्वावली ५२४
चतुर्विंशतिस्तव ३७८ गोरी-सांवलीविवाहगीत ४७८, चतुर्विधभावनाकुलक १७६ ४८३, ४८४
चन्दनबालाचौपाइ ३९५ गोरी-सांवलीसंवाद ९६ चन्दनबालारास १२०, १२२, गौतमपृच्छाचौपाइ ४७८, ४७९ ४९७ गौतमपृच्छाबालावबोध ६०१, चन्दप्पहचरिउ ४९, ५० ६०६
चन्दप्पहचरित २६९ गौतमरास २३८, २७३ चन्द्रधवलधर्मदत्तकथा ४५५, गौतम रास (मरु-गुर्जर की रचना) २८२, २८३
चन्द्रप्रभकलश १४१ गौतमस्वामीगीत ४१३
चन्द्रप्रभचरित ४९, १४७, २००, गौतमस्वामीछन्द २६४, २६७
२८२
२७३
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