Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 660
________________ शुद्धि पत्र पृ० लाइन अशुद्ध शुद्ध ५ भाषाएं भाषा ३ २९ and one the one and the २० मरु जैन २ बचते से बचते ८ उद्घटित उद्घाटित 39 in १७ मात्रा नहीं छपी है। २८ Tagore Tagare २९ गुर्जर साहित्य २२ में ४ परिमाणतः परिणामतः २२ मरिया भरिया १९ आर्य आ० आर्य ९ रविवेष रविषेण १७ पाइथ पाइय २३ अन्तिम अन्तिम खेवे २४ धम्मिय धम्मिल २८ घंथुका धंधुका ३१ गोवर्धत गोवर्धन २३ द्वाश्रयमहाकाव्य द्वयाश्रयमहाकाव्य ६ वही नहीं २४ चरित्र चरिउ ९ भारतेश्वर भरतेश्वर ६ जंबूस्यामी जंबूस्वामी ९७ २० वैसा १०० समय समयसुन्दर वै सः Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690