Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 682
________________ शालिभद्रसूरि [राजगच्छीय ] १४२ शालिसूरि २८६ शितिकण्ठाचार्य ६१ शिवचूलामहत्तरा [तपागच्छीय ] २७४, २७५ शिवदास २८६ शिवदेवसूरि १२५, १७० शिवसुन्दर ६०६ लेखक नाम सूची शिवसुन्दर [ खरतरगच्छीय] शिवसुन्दरमणि ३२७ शीलसुन्दरसूरि [ उपकेशगच्छीय] ४४९ शीलांकाचार्य ११० शुभचन्द्र २८८ शुभचन्द्र [ कवि ] ४९० शुभचन्द्र भट्टारक ५०१, ५०५ श्रीप्रभसूरि १८५ श्रुतकीर्ति ५४२ संग्रामसिंह ५८६ ५०४ शुभरत्न २९८ शुभवर्धन ५०७ शुभवर्द्धन - शिष्य ५०७ शुभवर्धनसूरि ५६९ शुभशीलगणितपागच्छीय] ५०७ श्रीचन्द्र ७५ श्रीचन्द्र कवि ५९ श्रीचन्द्रसूरि [ बृहद्गच्छीय] १४७ श्रीधर ४६. २००, ५१६ श्रीधर (कवि) २२३ Jain Education International संघकलश [ तपागच्छीय] ५३२ संघदासगण २५, ५८ संघमाणिक्य ५३३ संघविमल ५३२ संतोषजयतिलक ४३४ संयममूर्ति ५३३ संवेगदेवगण [तपागच्छीय रत्नशेखर के शिष्य ] ६०७ संवेगसुन्दर उपाध्याय ५३४ सकलकीर्ति [भट्टारक ] ३७८, ४४७ सकलकीर्ति (सरस्वतीगच्छ के भट्टारक) २८७, २८८ ६६५ सकलभूषण २८८ सकलभूषण ( दिगम्बर मुनि) ५०५ सगर ५२ सगर नृपति ] १२१ सत्य शेखर २९८ सधा [दिगम्बर श्रावक कवि ] २९० समधर २९० समयप्रभ [खरतरगच्छीय ] २९१ समयभक्त [खरतरगच्छीय] ४२७ समय सुन्दर ९५, ३१७ समरचन्द्र [पार्श्वचन्द्र के शिष्य ] ६०७ समरचन्द्र [ पार्श्व चन्द्रगच्छीय ] ५०८ समरचन्द्र [लोकागच्छीय] ५०९ समरचन्द्र - शिष्य ५०९ समरसिंह १५५ समरसिंह | महामात्य ] १६१ समरा [कवि] २९२ समराशाह ३२१, ३९४ समुद्रगुप्त २० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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