Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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लेखक नाम-परिचय
६५७
पी० डी० गुणे १७ पुण्यनन्दि ४२७, ६०६ पुण्यनंदि (खरतरगच्छीय) ४२७,
४२८
पद्मरत्न १८४ पद्मश्री ४२० पद्मसागर ५६९ पद्मसागर (मम्माहड़गच्छीय)
४१९ पद्मसुन्दर ९२ पद्माणंदसूरि १६७ पद्मानन्दसूरि २५३ पद्मानन्दसूरि (धर्मघोषगच्छीय)
३०१ परबतभावसार ४२१ परबतसिद्ध (कवि) ५७८ परमानन्द २५४ परमदिदेव (चंदेलनृपति) ६३ पल्ह (कवि) ११३ पल्ह कवि ११८ पहुराज (खरतरगच्छीयश्रावक) ।
२५५ पाणिनि २२ पातो (परबत या पातु) ४२० पादलिप्तसूरि ५८ पादलिप्ताचार्य २४, ५७५ पार्वचन्द्र ४३०, ४९१, ६०३ पार्श्वचन्द्र (नागोरीतपागच्छीय)
पुण्यरत्न ४२८, ४९१, ५६९ पुण्यरत्न (अंचलगच्छीय) ४२८. पुण्यरत्नसूरि ५१५ पुण्यराज २९८ पुण्यलब्धि ४२९ पुण्यसागर १३१, ४१७, ५३५ पुलकेशिन (चालुक्य नृपति) ६२ पुष्पदंत (कवि) ७५ पुष्पदन्त १७, ३८ पृथ्वीचन्द्रसूरि (रुद्रपल्लीयगच्छीय'
१२९, २५५ पृथ्वीधर १५३ पृथ्वीपाल (अमात्य) १४७ पृथ्वीराज चाहमाननृपति) १४९..
२५२ पृथ्वीराजचौहान ६३ पेथड़कुमार १५३ पेथो (अंचलगच्छीय) ४२९ प्रज्ञातिलक १८४, १८५, १८६. प्रज्ञातिलक (कवि) ८८ प्रतिष्ठासोम (तपागच्छीय) ४२२. प्रद्युम्नसूरि १११ प्रद्युम्नसूरि (बृहद्गच्छीय) १२७ प्रबोधचन्द्र बागची ७० प्रभाचन्द्र (भट्टारक) ३१९, ४३०. प्रसन्नचन्द्र २५४ प्रसन्नचन्द्रसूरि २४२, २५२ प्राणशंकर उपाध्याय १२
पावचन्द्रसूरि ४२२, ४९०,
४९१,५६९, ७०, पावचन्द्र (पावचन्द्रगच्छ के
संस्थापक) ४२२, ५०८ पाल्हण (कवि) १२९, १३०,
१३१, १३३ पिशेल ३०
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