Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 666
________________ लेखक नाम-सूचि कमलचन्द्र (खरतरगच्छीय) कीत्तिरत्न ६०१ ४५३ कीतिरत्नसूरि (खरतरगच्छीय) कमलधर्म ३४० ४१८ कमलधर्म (तपागच्छीय) ५४१ कीर्तिसिंह ५० कमलप्रभसूरि ६०० कीर्तिहर्ष (उपकेशगच्छीय) ३४६ कमलमेरु ५३३ कुक्कुरी ६१ कमलमेरु (अंचलगच्छीय) ३४१ कुतुबुद्दीन ऐबक ६३, ६४ कमलसंयम उपाध्याय (बृहखर कुतुबुद्दीन (सुलतान) १८० तरगच्छीय) ६०० कुन्दकुन्द ५९ कमलसूरि १८६ कुन्दकुन्दाचार्य २३, १०३, १०४ करमसी ३४५ कुमारपाल ३०, ११४, ११६, कर्णसिंह २२६ १३३, १४०, १४१ कर्माशाह ३२१ कुमुदचन्द्र ११४ कल्याणचन्द्र (खरतरगच्छीय) कुमुदचन्द्र (दिगम्बर मुनि) १३८ ३४१ कुलचन्द्र ११९ कल्याणजय (तपागच्छीय) ३४२ कुलचरण (तपागच्छीय) ५३५ कल्याणतिलकउपाध्याय (खरतर- कुलमण्डन (तपागच्छीय) २२४, गच्छीय) ३४३ कल्याणमुनि (देवराजवच्छराज कुलमण्डनसूरि २५१, ५९० चउपई) ९ कुशलकीर्ति १७९ कल्याणराज (आगमगच्छीय) कुशलभुवनगणि ६०० ३५४ कुशललाभ (कवि) ५५५ कवियण २२७, ३४४ कुशलसंयम (तपागच्छीय) ३४७ कान्ह (कवि) २२७ कुशलहर्ष (तपागच्छीय) ३४८ कान्हणदेव १५४ कृष्ण (चौलुक्य नृपति) ५९ कामता प्रसाद जैन ६ कृष्णमिश्र ९२ कामराज (कवि) ४९० केशवदास ३७ कामिल बुल्के (फादर) ३५ केशव (कवि) ५७० कालकसूरि ५३७ केशवलाल ध्रुव ११६ कालिदास ५२, ६२, १८८ कोउहल (कौतूहल) ५७४ कालीपदमिश्र ३५ कोल्हि ३५० कीरति (पूर्णिमागच्छीय) ३४६ कोशा १२७ कीर्तिधर ५१ कौतूहल २४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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