Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
View full book text
________________
मरु-गुर्जर जन साहित्य
लुंकटमतनिर्लोढ़नरास ५०४,६०६ वागड़देशतीर्थमाला ३०१ लुकावदनचपेटा ४७८
वाग्भट्टालंकार २७ लब्धदत्तविनयवतीकथा ३८०
वाग्भट्टालंकारबालावबोध ६०५ वंकचूलरास ३००, ५६०
वारवतचौपाइ ५६३ वंदनदोष ४२३
वासवदत्ता ५८ वंभणाधीशपाश्वस्तवन ४३१ वचनावली ४३९
वासुपूज्यस्वामिधवल ४३१
विक्रमकुमाररास २९४ वज्रस्वामीचौपाइ ५२०
विक्रमखापरचरित्रचौपाइ ४६८ वज्रस्वामीरास ५६९
विक्रमचरित्रचौपाइ ६०६ वडढमाणकव्व २३३, २३४ वड्ढमाणचरिउ २००
विक्रमचरितरास ४४२ वणियडागीत ४०७
विक्रमचरित्रपंचदण्डचौपाइ ३८७
विक्रमपंचदंड चौपाइ ४९७ वत्सराजदेवराजरास ४७६ वयरमुनिसंझाय ९२
विक्रमपंचदण्डरास ५६९
विक्रमरास ४११ वयर (वज्र) स्वामीरास ४०५,
विक्रमसेनरास ५६९ ४०६ वयरस्वामीगुरुरास २३८
विक्रमसेनरासचौपाइ ३३५ वयरस्वामीचरित्र १५६, १७७
विक्रमादित्यखापरारास ५६९ वरकाणापार्श्वस्तोत्र ४१८
विघ्नविनाशीस्तोत्र ११३ वरकाणास्तवन ४३९
विचारग्रंथवालावबोध ५९७ वर्णरत्नाकर ५७७, ५८०, ५८९
विचारचौसठी ४१२ वर्धमानकथा २५२,२५३
विजयकीर्तिछन्द ४९०, ५०५ वर्धमानचरित ४९, २३३
विदग्धमुखमण्डनबालावबोध ६०५ वर्धमानचरित्र २८८
विद्याविलासनरेन्द्रच उपइ ४१६ वसंतविलास २७०, ४६६
विद्याविलासनरेन्द्रचउपइ(चौपाइ) वसन्तविलासफागु २४०
३३२ वस्तुपालतेजपालरास ८८, ३०३, विद्याविलासपवाड़ो ३०३, ३०४
४२३, ४७२, ५७० । विद्याविलासपावड़ा ९५ वसुदेवचौपाइ ५३५
विधिप्रपा १७६ वसुदेवहिण्डी २४, ५८, ५७५ विधिविचार ४२३ वाक्यप्रकाश ५३५
विधिशतक ४२३ वाक्यपदीय २५
विनोदकथासंग्रह २७५ वाक्यप्रकाशौक्तिक १६५,
विभ्रमटीका १७६ ३३४-३५
विमलनाथस्तवन ३७३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690