Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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६२६
मरु-गुर्जर जैन साहित्य जयतिलकसूरिचउपइ २३२ जिनपतिसूरिधवलगीत ९३, १३३ जयतिहुयण ५४
जिनपतिसूरिबधामणागीत १४५ जयतिहुयणस्तोत्र १०४ जिनपद्मसूरिपट्टाभिषेक २०२ जयन्तविजय ११९ १२९ जिनपाल जिनरक्षित रास ३२९ जयन्तविजय (काव्य) १२० जिनपालितजिनरक्षितचौपाइ जलगालनरास ५४७
३५१ जल्पकल्पलता ४६२
जिनप्रतिमास्थापनप्रबन्ध ४३१ जसहरचरिउ ३९, ४०, ११९ जिनप्रतिमास्थापनविज्ञप्ति ४२३ जालोरनवफणापावदसभवस्तोत्र जिनप्रबोधसूरिचर्चरी २०३, ४१८
२०४ जावड़-भावडरास ३९५, ३९६ ।। जिनप्रबोधसूरिबोलिका २०३ जिणदत्तचरित ४९
जिनप्रबोधसूरिवर्णन १८४ जिणदत्तचरित्र १९०
जिनभद्रसूरिगीतम् २६० जिणदत्तसूरिस्तुति १४९ जिनभद्रसूरिधुवड २४८ जिणदेवसुरिगीत २१७ जिनभद्रसूरिपट्टाभिषेकरास २९१ जिणवरपूजाहेली ३८ जिनभद्रसूरिपट्टेजिनचन्द्रसूरिजिणोदयसूरिछन्द २६५
गीतम् ५६७ जिनआंतरा ५०१, ५०२ जिनवरवीनती ४०७ जिनकुशलसूरिचतुष्पदिका २३८ । जिनवल्लभसूरिगुणवर्णन १०४ जिनकुशलसूरिरेलुआ १६८,
जिनवल्लभसूरिगुरुगुणवर्णन १२८ १७१
जिनसत्तरी २४३ जिनचउवीसी ३९०
जिनसिंहसूरिगीत ४३९ जिनचन्द्रसूरिकाव्याष्टम् १३५ जिनस्तवन २४७ जिनचन्द्रसूरिफागु १७४, २०६।
जिनेश्वरसूरिसंयमश्रीवर्णनारास जिनचन्द्रसूरिरेलुआ १६८, १६९, १७१
जिनेश्वरसूरिसंयमश्रीविवाहवर्णजिनचन्द्रसूरिवर्णनरास १३७,
नारास २०३ १९४
जिनोदयसूरिगुणवर्णन २५६ जिनचन्द्रसूरिविवाहल उ २०१ जिनोदयसूरिविवाहलउ २६४ जिनदत्तचरिउ ३७
जिनोदयसूरिविवाहलो ९३ जिनदत्तमूरिअवदातछप्पय ११४ । जिह्वादंतसंवाद ९५ जिनदत्तसूरिस्तुति ११४, ११८ जीराउलापार्श्वछन्द ४१३ जिननेमिनाथविवाहलु ४३१
जीराउलापार्श्वनाथविनती ५६४
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