Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 1 Author(s): Shitikanth Mishr Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi View full book textPage 6
________________ प्रस्तुत कृति के लेखन के लिये हम डॉ० शितिकण्ठ मिश्र के आभारी हैं ही, साथ ही अपने शोध संस्थान के डॉ० अशोक कुमार, डॉ. शिव प्रसाद एवं बाबू श्री महेश कुमार जी के भी आभारी हैं कि उन्होंने इसके मुद्रण, प्रूफ संशोधन आदि में रुचिपूर्वक कार्य किया है। ग्रन्थ का मुद्रण कार्य त्वरा में होने के कारण प्रफ संशोधन में कहीं-कहीं अशुद्धियाँ रह गयीं हैं, जिन्हें आगामी संस्करण में हम अवश्य ही दूर कर देंगे। अन्त में इसके शीघ्र एवं सुन्दर मुद्रण के लिये हम डिवाइन प्रिंटर्स के प्रति भी आभार व्यक्त करते हैं। आज हमें हिन्दी विद्वत् जगत् को यह कृति समर्पित करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। हम यह अपेक्षा करेंगे कि वे इसका सम्यक् मूल्यांकन करें और भविष्य में जब भी हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखा जाये, उसमें जैन कवियों की समर्थ रचनाओं को भी उचित स्थान देने का प्रयत्न करें। डॉ सागरमल जैन निदेशक भूपेन्द्रनाथ जैन मंत्री Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 690