Book Title: Haribhadrasuri krutanyashtakani
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 7
________________ श्रनुक्रमणिका. शाक. विषय. (महादेवाष्टकम् ) (१) १ टीकाकार- मंगलाचरण. २ टीकाकारे करेदी पोतानी लघुता. ३ महादेवनुं स्वरूप. ४ रागादिकनुं स्वरूप. ५ अन्यदर्शनीना देवोमा रहेला रागादिकनुं तेना ह_ष्टांतपूर्वक स्वरूप. ६ तात्विक महादेवना गुणातिशयर्नु न्यायपूर्वक स्वरूप. १७ ७ तात्विक महादेवना लक्षणांतरनुं स्वरूप. - वेदोना अपौरूषेयपणाचं खंडन. ए शास्त्रोनी त्रिकोटी परिक्षानुं स्वरूप. १० तात्विक महादेवने आराधवाना उपाय- स्वरूप. (स्नानाष्टकम्) (२) ११ व्यस्नान तथा नावस्नान, स्वरूप. १२ अन्यदर्शनीउँना सात प्रकारना निष्फलस्नान- स्वरूप. ३ए १३ व्यस्नान- विस्तारथी स्वरूप. १४ व्यस्नाननां कर्ताधाराए प्रधान अप्रधानपणानुं स्वरूप. ४२ १५ व्यस्नानमा रहेला गुणोनुं स्वरूप. १६ साधु शामाटे जव्यस्नान न करे ? तेनो उत्तर. १७ शंकाश श्रावकनुं दृष्टांत. १० लावस्नाननुं विस्तारथी स्वरूप. (पूजाष्टकम्) (३) १ए बे प्रकारनी पूजानुं स्वरूप. m . Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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