Book Title: Haribhadrasuri krutanyashtakani
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 6
________________ ย प्रस्तावना. चासक नामना ग्रंथपर टीका रची बे. तेम तेम त्रणथी माडीने अग्यार सुधिना एटले नव अंगोनी टीकार्ड, जयतिदु स्तोत्र, जिनचंद्रगणिजीए बनावेला नवतत्वप्रकरानी टीका, निगोदषट्त्रिंशिका, पंचनिग्रंथ विचारसंग्रहणी पुफलषट्त्रिंशिका, संग्रहणी, जिन भद्रजीए बनानेला विशेषावश्यकभाष्यपर टीका, हरिभद्रसूरिजीना बनावेला पोडशकनी टीका, देवेंद्र महाराजे बनावेला सतारिकप्रकरणनी टीका विगेरे छानेक ग्रंयो बनावेला बे. एवीरीते ६७ वर्षोनुं आयुष्य संपूर्ण करीने, विक्रम संवत ११३ मां कपडवंजमां तेमनुं देवलोकगमन थयुं. एवीरीते ते त्रणे महान आचार्योनो संक्षेपथी इतिहास जाणवो. प्रस्तावना रचनार या ग्रंथनुं गुजराती भाषांतर कर्ता श्रीमसिंह माणेक पंडित श्रावक हीरालाल वि. हंसराज - जामनगरवाला. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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