Book Title: Haimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Author(s): Hemchandracharya,
Publisher: ZZZ Unknown
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कणेर्डयिः ॥ ६९१ ॥ किपिम्लेच्छश्चवा ॥ ८८०॥ क्षः कित् ॥ १९७ ॥ क्षुचुपिपूभ्यः कित् ॥ ३०१॥ क्षिपेः कित् ॥ ६४२॥ क्षिपेरणुक् ॥ ७७० ॥ क्षुहिन्यांवा ॥ ३४१॥
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कृषिचमितनि-ऊः॥ ८२९ ॥ कृषेर्गुणवृद्धीच वा ॥ ३१॥ कृपश्चादेः ॥ ६४१॥ कृसिकम्यमि-स्तुन् ॥ ७७३ ॥ कहनेस्तुक्नुकौ ॥ ७९१ ॥ कहभूजीवि-एणुः ॥ ७७२॥ कृगप-कित् ॥ २८८ ॥ कृगगग-वरद् ॥ ४४१ ॥ कृऋतउर्च ॥ ७३४॥ कृतृभ्यामीपः॥ ५५३ ॥ कृपृकटिपटि-रहः ॥ ५८९॥ कृवृकल्यलि-आतक् ॥ २०९।। कुशगृशलि-भः ॥ ३२९॥ कृशषपूर-ईरः ॥ ४१८॥ कृशम-स्य ॥ २९८॥ केवयुभुरण्यव-यः ॥ ७४६ ॥ कैरव भैरव-यः ॥ ५१९ ॥ कैशीशमिरमिभ्यः कुः ॥ ७४९ ॥ कोरचौरमोर-यः॥ ४३४ ॥
कोषाटरूप-दयः ॥ ५६१ ॥ कोरन्धः ॥ २५७ ॥ कोरषः ॥ ५४४ ॥ को रुरुण्टि रण्टिभ्यः ॥ २८ ॥ कोर्डिखिः ॥ ६२६ ॥ कोडिंम् ॥ ९३९ ॥ कोर्यपादिः॥ ६४८॥ कोळ ॥ ४६९ ॥ कोर्वा ॥ ५२९॥ कौतेरियः ॥ ३७५ ॥ क्रकचादयः ॥ १२५॥ क्रमिगमिक्षमे-तः ॥ ९४२ ॥ क्रमितमि-वा ॥ ६१३ ॥ क्रमिमविभ्यां चन्मनौच ॥ १२॥ क्रमे कृमचवा ॥ ५३॥ क्रमेरेलकः ॥६६॥ क्रीकल्यलि-इकः ॥ ३८॥ क्रुशिपिशि-कित् ॥ २१२॥ क्रुशेदृद्धिश्च ॥ २६५ ॥ | क्लिशः केच ॥ ५३० ॥
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खजेररीटः ॥ १५२॥ खनोलुक्च ॥ ८०८॥ खलिफलि-उपः ॥ ५६०॥ खलिहिसिभ्यामीनः ॥ २८६ ॥ खल्यमिरमि-रतिः ।। ६५३॥ खुरक्षुरदूर-यः ॥ ३९६ ॥
गन्धेरान्तः ॥ ५०८॥ गमिजमिक्षमि-डित् ।। ९३७॥ गमेः सन्वच्च ।। ७९२ ॥ | गमेराच ॥ ४५३ ॥

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