Book Title: Haimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Author(s): Hemchandracharya,
Publisher: ZZZ Unknown
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शाशपिमनि-दः ॥२७॥ शासिशंसि-स्तुः ॥ ८५७॥ शिक्यास्यान्य-यः॥ ३६४ ॥ शिग्रुगेरुनमवादयः ॥ ८११॥ शिलविलादेः कित् ।। ३२३ ।। शीङः फस् च ॥ ९८२॥ शीङ सन्वत् ॥ २६७ ॥ शीङस्तलपा-बाः ॥५०१॥ शीङपो इस्वश्च वा ॥ ५०६॥ शीडो धुक् ॥ ७८४ ॥ शीङो लुः ॥ ८२०॥ शीभीराजेश्वानकः ॥ ७१ ॥ शीरीभूदू-कित् ॥ २०१॥ शुकशीमूभ्यः कित् ॥ ४६३ ॥ शुभिगृहि-कित् ॥ ३५॥ शुभेः स च वा ॥ ७४३ ॥ शुपीषिवन्धि-कित् ॥ ४१६ ॥ शृङ्गशादियः ॥ ९६ ॥ शृणातेरावः ।। ५२०॥
शुभसेरद् ॥ ८९४ ॥ श्मनः शीडो डित् ।। ८१० । श्यः शीत च ॥ ८१६ ॥ श्यतेरिच वा ॥ ८५॥ श्याकठिखलि-इनः ॥ २८२ ॥ श्रन्थेः शिथ् च ॥ ४१४ ॥ श्रुदक्षिगृहि-य्यः ॥ ३७३ ॥ अर्हिः ॥ ६३१॥ श्रो नोऽन्तो इस्वश्च ॥ ४९८ ॥ श्लिपः क च ।। ७३९ ॥ श्लिपेः शे च ॥ ५४३ ॥ श्लेष्मातकाम्रा-दयः ॥ ८३॥ वन्मातरिश्चन्-ति ॥ ९०२॥ श्वशुरकुकुन्दुर-दयः ॥ ४२६ ॥ श्वितेवेश्च मो वा ॥ ४५२॥ श्वेः शव च वा ॥ ९५५ ॥
संविभ्यां कसेः ॥ ५२ ॥ संश्चदेहत्साक्षादादयः ॥ ८८२॥ संस्तुस्पृशिमन्थेरानः ॥ २७६ ॥ सजेधं च ।। ३५९ ॥ सदिवृत्यमि-रनिः ॥ ६८०॥ सनिक्षमिदुपेः ॥ ६०४॥ सनेस्यवन्यू ।। ८०३॥ सनेदेखिः ॥ ६२५॥ सनेर्डित् ॥ ३३० ॥ समिणनिकपिभ्यामाः॥ ५९८ ॥ सर्तेरघः ॥ १११॥ सर्तेरड् ॥ ८७८ ॥ सतेोऽन्तश्च ॥ ४७८॥ सतॆणित् ॥ २३०॥ सतैः पपः॥ ३१३ ॥ सर्तेः सुर् च ॥ १०८॥ सलेणिवा ॥ ५१०॥ सव्यात्स्थः ।। ८५५॥
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पप्यशोभ्यां तन् ॥ ९०३॥ पसेर्णित् ।। २५९॥

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