Book Title: Haimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Author(s): Hemchandracharya,
Publisher: ZZZ Unknown
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सहेः षप् च ॥ ९५१॥ सहेर्ध च ॥ ९९२॥ सात्मनात्मन्व-ति ॥ ९१६।। सारेरथिः ॥ ६७०॥ सिटिकिभ्या-च ॥ ३३२ ॥ सिन्दूरकचूर-दयः ॥ ४३०॥ सिविकुटिकुठि-कित् ॥ ७५३ ॥ सिवेर्डित् ॥ १२१॥ सीमन्तहेमन्त-यः ॥ २२२ ॥ सुवः ।। ९२१ ॥ मुसितनि-वा ।। २०३॥ सूङः कित् ।। ७८८ ॥ सूधूभूभ्रस्जिभ्यो वा ।। २७४ ॥ सूपुषिभ्यां कित् ॥ ४३६ ॥ सूमूखन्युषिभ्यः कित् ॥ ४४९ ।।। सृजे स्रक्सकों च ॥ ९०७॥ सृणीकास्तीक-यः ॥५०॥ सृपृभ्यां दाकुः ॥ ७५६ ॥ सृपृथिचरि-रमः ॥ ३४७ ॥
सृवयिभ्यां णित् ॥ ५७० ॥ सृनृभ्यो णित् ॥ ९९ ॥ सृसृपेः कित् ॥ १४६ ॥ सुहस्तृसभ्य इमन् ॥ ९१८ ॥ सेरी च वा ॥ ३४३ ॥ सेडित् ।। ५७७॥ सेर्वा ॥ २६२॥ सोरतेलुक् च ॥ ९४६ ॥ सोरसेः ॥ ८५३ ॥ सोरस्तेः शित् ।। ६५० ॥ सोरूच ॥ २६३ ॥ सो तेरम् ॥ ९३४ ॥ सोबग आह च ॥ ६०३ ॥ सोर्षिदः कित् ॥ ४५७ ॥ स्कन्देधं च ॥ ९६० ॥ स्कन्द्यमिभ्यां धः ॥ २५ ॥ स्त्री ॥ ४५०॥ स्थाण्डिलकाप-दयः ॥ ४८४ ॥ स्थविरपिठिर-दयः ॥ ४१७ ॥
स्थाचतोरूच ।। १८५॥ स्थाछामासा-यः ॥ ३५७ ॥ स्थामदिपद्यति-वन् ॥ ९०४ ॥ स्थार्तिजनिभ्यो घः १०९॥ स्थावङ्कि-क् च ॥ ४८६॥ स्थाविडेः कित् ॥ ४२९ ॥ स्थो वा ॥ ४७३॥ स्नुपूसम्बर्क-कित् ॥ ५४२॥ स्यतेरी च वा ॥ ९१५ ॥ स्पृशेः श्वः पार च ॥ ५२३॥ स्फुलिकलि-इङ्गक् ॥ १०२॥
पशिभ्रस्जेः स्लुक् च ।। ७३१ ॥ स्यतेर्णिम् ॥ ९३६ ॥ स्यन्दिसृजिभ्यां च ॥ ७२७ ।। स्यमिकषिद्-ईकः ॥ ४६ ।। स्यमे सीम् च ॥ ४४ ॥ स्रर्तेरूचातः ॥ ६८९॥ सुरीभ्यां तम् ।। ९७८ ॥ स्रोश्चिक् ॥ ८७१ ॥
ResereCCeleen
Seemarva
॥ ४१॥

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