Book Title: Haimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 1103
________________ भ्रूणतुणगुण-दयः ॥ १८६॥ TRADDA wwwimmineCCBLEM मघाघवाघदीर्घादयः ॥ ११०॥ मङ्के लुक्-स्य ॥ ४२४ ॥ मझेर्मकमुकौच ॥ १५४ ॥ मङ्गे लुक्च ॥ २५३ ॥ मण्डेमड्ड्च ॥ ५५॥ मणिवसेर्णित ॥ ५१६॥ मदिमन्दिचन्दि-इरः॥ ४१२ ॥ मदेः स्यः ॥ ३८३॥ मन् ॥ ९११॥ मनिजनिभ्यांधतौच ॥ ७२१ ॥ मनेरुदेतौ-वा॥ ६१२॥ मनेर्मन्मातौच ॥ १०॥ पयेधिभ्यासूखेखौ ॥ ९१॥ मलेचा ॥ ५१७॥ मवाकश्यामाक-यः ॥ ३७॥ मषिमसेर्वा ॥१५॥ मस्जीप्यशिभ्यः सुक् ॥ ८२६ ॥ मस्ज्यविभ्यामुशः ॥ ५३८॥ मस्यसिघसि-उरिः ॥ ६९९ ॥ महत्युर्च ॥ ७३७ ॥ महिकणिचण्य-णित् ॥ ४२८॥ महेरुचास्यवा ॥ ८९ ॥ महेरेलः ॥ ४९२॥ महेर्णिदा ॥ २८५ ॥ भविभ्यांटित् ॥ ५४७॥ माङस्तुलेरुङ्गाक्च ।। १०६ ॥ मानिभ्राजेलश्च ।। ८५९ ॥ मावावद्यामि-सः॥ ५६४ ॥ मासालिभ्या-मली ॥ ७०३ ॥ मिगः खल-च ॥ ४९७॥ मिथिर युषि-कित् ॥ ९७१ ॥ मिवामिकटि-रुकः ॥५१॥ मिवहिचरिचटिभ्योवा ॥ ७२६ ।। मीज्यजिमा-सरः ४३९ ॥ मीमासिपाशि-ऊरः ॥ ४२७॥ मुचिस्वदेर्धच ॥ ६०२॥ मुचेर्पयघुयौ ॥ ३७१॥ मुचेडुकुन्दकुकुन्दौ ॥ २५०॥ मुदिगुरिभ्यां-न्तौ ॥ ४०४ ॥ मुमुचान-णाः ॥२७८ ॥ मुरलोरलवि-दयः ॥ ४७४ ॥ मुरच ॥ १३२ ॥ मुपेरुण्चान्तः ॥ ६३३ ॥ | मुपदीर्घश्च ।। ४३ ॥ मुस्त्युक् ॥ ८०५॥ मुहिमिथ्यादेः कित् ।। १००० ॥ मुहे. कित् ॥ ७० ॥ मृजिखन्याहनि-डित् ॥ ४७२ ॥ । मृजशृकम्य-ऽठः ॥ १६७॥ मृजेगुणश्च ।। ८३३ ॥ मृजेर्णालीयः ॥ ३७७ ॥ मृत्रपिभ्यामिचः ॥ ११७ ॥ मृदिकन्दिकुण्डि-रल ॥ ४६५॥ मृदिकन्दिकुण्डि-रलः ॥ ४६५ ॥ मृदेवोऽन्तश्चना ॥ ४९ ॥ VaMan3070-800SAL2

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