Book Title: Haimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 1104
________________ गृशुन्दिपिठि-कित् ।। ३९९॥ ममन्यजिनलि-ऊकः ॥ ५८॥ मृशीपसि-दिः ॥ ३६० ॥ पश्चिमण्यणि-ईचिः ॥ ६२७॥ मउत ।। ८८९ ॥ म्रियतेरीगण् ॥ ११८॥ म्लेच्छोडेस्वभवा ॥३॥ युयुजियुधि-कित् ॥ २७७॥ युष्यसिभ्याक्मद् ॥ ८९९ ॥ यसकुरु-च ।। २९७ ॥ येन्धिभ्यायादेधौच ॥ ९६८॥ योः कित् ॥ ६५८॥ योरागूः ॥ ८५० ॥ योरुचवा ॥ ५४१॥ वसिरसि-रनः ॥ २६९॥ - - - रीशीभ्यांफः ॥ ३१४ ॥ रुक्मग्रीष्म-दयः ॥ ३४६ ॥ रुचिकुटि-मलक् ॥ ५०२॥ रुचिभुजिभ्यांकिष्यः ॥ ३८४॥ रुन्यचियांच-इस ॥ ९८९॥ रुघर्तिजनि-उस् ॥ ९९७॥ रुपूभ्यां कित् ॥ ८०७ ॥ रुहिनन्दि--शिपि ॥ २२० ॥ रुहियजेः किन् ॥ २८ ॥ रुहेर्टद्धिश्च ॥ ५४८ ॥ रोवा ॥ २३५॥ - यजिशुन्धिदहि-युः ॥ ८०१॥ यजे: कच ॥ ८९२॥ यजो यच ।। ६६४ ॥ यतिननन्दिभ्यादीर्घश्च ॥ ८५६ ॥ यमिदमिभ्यां डोस् ॥ १००५ ॥ यमेरुन्दः ॥ २४९ ॥ यमेनुक् ॥ ७८३ ॥ यम्यजिशक्य-उनः॥ २८८ ॥ यापाभ्यांदच ॥ ७१४॥ युजलेरापः ॥ ५४५ ॥ युवलिभ्यामामः ।। ५७४ ॥ रशिलङिलिङ्गेर्नलुक्च ॥ ७४० ॥ रञ्जः कित् ॥ ६८२॥ रभिपथिभ्या-रस्य ।। ७३०॥ रमेस्तच ॥ २६४ ॥ रसेर्वा ॥ २६०॥ राते?ः ।। ८६६॥ रालापाकाभ्यः कित् ॥ ६३॥ राशदिशकि-त्रिः॥ ६९६ ॥ रिचेः कच ॥९८० ॥ रीवभ्यांपस् ॥ २८१ ॥ AMMANEMPANNAVAMIntervice लक्षेोऽन्तश्च ॥ ७१५॥ लगेरुडः ॥ २७७ ॥ लडेरटनलुक्च ॥ ८७७ ॥ लटिखाट-वः ॥ ५०५॥ लपेःशच ॥ २८९॥ लपेरुचः कश्च ।। ११९ ॥ | लपेलिप्चवा ॥ ५०९॥ शा॥३०॥

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