Book Title: Haimshabdanushasanam Laghunyas Sahitam
Author(s): Hemchandracharya,
Publisher: ZZZ Unknown
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Naseenetween
कुटयुन्दिचुरि-कुम्बः॥ ३२६ ॥ कुडितुड्यडेरुवः ॥ ५२४॥ कुणेः कित् ॥ १८०॥ कुथिगुधेरूमः ॥ ३५३ ॥ कुन्दुमलिन्दुम-दयः ॥ ३५२ ॥ कुपूसमिणभ्य-श्च ॥ ११२॥ कुपेवं च वा ॥ २४७ ॥ कुन्द्रिकुड्यादयः ॥ ६९५ ॥ कुमुदबुद्धदादयः ॥ २४४ ॥ कुमुलतुमुल-दयः ॥ ४८७ ॥ कुलिकनिक-किशः ॥ ५३५ ॥ कुलिचिरिभ्यामिकक् ॥ ६४॥ कुलिपुलि-कित् ॥ ४१०॥ कुलिमयिभ्यामूतक् ॥ २१५ ॥ कुलिलुलि-कायः ॥ ३७२ ॥ कुलिविलिभ्यांकित ॥ १४३॥ कुले डेचवा ॥ ३६२॥ कुलेरिजक् ।। १३५ ॥ कुलेश्चमाषक् ।। ५६३ ॥
कुवः कुन् कुनौच ॥ १२९॥ कुशिकमिभ्यां च ॥ ५०३॥ कुशिकहदिक-यः ॥ ४५ ॥ कुशेरुण्डक् ॥ १७८ ॥ कुपे कित् ।। ८०॥ कुषेवों ॥ १६४ ॥ कुष्युपिसपिभ्यःकित् ॥ ९१२ ॥ कुसेरिदेदौ ॥ २४१॥ कूर्चचूर्चादयः ॥ ११३ ॥ कूलिपिलिविशि-कित् ॥ ४७६ ॥ कृकडिकटिवटेरम्बः ॥ ३२१॥ कृकलेरम्भः ॥ ३३६ ॥ कुकस्थूरावचः क्च ।। ७२८॥ कृकुरिभ्यांपासः ॥ ५८३॥ कृगः कादिः ॥ ८४९ । कृगः कित् ॥ ३७६ ॥ कृगोऽञ्जः ॥ १३६ ॥ कृगोद्वेच ॥ ७॥ कृगोमादिश्च ॥ ४०७॥
कूगोयङः ॥ २०५॥ कृगोवा ॥ २३ ॥ कृजन्यधिपाभ्यइत्वः ॥ ५२६ ॥ कृतिपुतिलति-कित् ॥ ७६ ॥ कृतेः कृन्त्च ॥ ४५८ ॥ कृतेः कृच्छौच ॥ ३९५ ॥ कृतेस्तच ॥ ७२३ ॥ कुत्यशोभ्यां स्नक् ॥२९४ ॥ कृधृतन्यूपिभ्यः कित् ॥ ४४० ॥ कृषिक्षुधिपी-कित् ॥ ८१५ ॥ कृपिविषि-णक् ॥ १९१॥ कृपिशकिभ्यामटिः ॥ ६३०॥ कृभूभ्यां कित् ॥ ६९०॥ कृलाभ्यां कित् ।। ७८०॥ कुवापाजि-उण् ॥१॥ कृष्ठभृवनिभ्यः कित् ॥ ५२८॥ कृशक्शाखेरोटः ॥१६॥ कृशृकुटिग्रहि-वा ॥ ६१९ ॥ कृशेरानुक् ॥ ७९४ ॥
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