Book Title: Good Night
Author(s): Rashmiratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

View full book text
Previous | Next

Page 18
________________ * मंगलचैत्य आज घर-घर अशांति की आग है क्योंकि लोग शास्त्र में बताये गये मार्ग का अनुसरण नहीं करते हैं । * जैन शास्त्रानुसार गृहवास्तु शिल्प घर के मुख्य बारसाख पर पार्श्वनाथादि प्रभुमूर्ति एवं अष्टमंगल होना चाहिये । वास्तुशिल्प की महत्वपूर्ण बातें....... १. आरम्भ-समारंभ और रागविशेष का कारण होने से जैन श्रावक घर नया बनाने की बजाय तैयार घर में रहना पसंद करता है 1 २. घर सज्जनों की बस्ती में होना चाहिये। समान संस्कार वाली बस्ती हो तो ज्यादा लाभप्रद है । जिससे बच्चों में विपरीत संस्कार न पड़े। (कॉस्मोपोलिटन सीटी विस्तारों में यह प्रोबलम नासूर बन गया है। बच्चे खेल-खेल में नोनवेज नाम सीख लेते हैं । भोले बच्चों को कोई खिला भी देता है। युवाओं में लव मैरेज की विकट समस्या भी पैदा हो जाती है ।) गुड नाईट - 16 Jain Education Internationalon Personal & Private Use Only ww.jaihelip

Loading...

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100