Book Title: Good Night
Author(s): Rashmiratnasuri
Publisher: Jingun Aradhak Trust

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Page 31
________________ 8 प्रभु दर्शन की शास्त्रीय विधि वीतराग भगवान के दर्शन पापों का नाश करता है। वीतराग प्रभु को वंदन वांछित को पूरता है। वीतराग प्रभु की पूजा लक्ष्मी प्रदान करती है। इसलिये परमात्मा साक्षात् कल्पवृक्ष है। प्रभु दर्शन की इच्छा हुई तब से ही लाभ शुरू हो जाता है। उपवास, छट्ठ, अट्ठम, १५ उपवास, ३० उपवासादि लाभ मिलता है। कषाय क्लेश हुआ हो तो दिमाग को शांत करके दर्शन करने जाना चाहिये। मंदिर जाते समय दूध का बर्तन और शाक सब्जी की थैली लेकर नहीं जाना चाहिये । शुभ शकुन देखकर प्रभु को मिलने के लिये जाना चाहिये। नंगे पैर दर्शन करने जाने से यात्रा का लाभ मिलता है, जयणा का पालन होता है। मंदिर की ध्वजा देखते ही दो हाथ जोड़कर मस्तक झुकाकर 'णमो जिणाणं' बोलना । जेब में खाने-पीने की चीजों को न रखें । झूठा मुंह हो तो स्वच्छ पानी से साफ करना । दर्शन के गुड नाईट - 29 Jain Education Internationer Personal & Private Use Onlyww.jainelibrary.org

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