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की चासनी कच्ची होती है, इसलिए दूसरे दिन अभक्ष्य है ।
(३) शीरा, लापसी घी में सीक जाती है, फिर भी दूसरे दिन बासी होती है क्योंकि इनमें पानी का अंश रह जाता है ।
(४) मावे के पेड़े, बरफी, कलाकंद यदि घी में लाल नहीं किया हो तो दूसरे दिन अभक्ष्य हैं चूंकि इसमें पानी का अंश रहता है।
(५) दहीं, छाछ में बनी हुई पूड़ी, थेपले दूसरे दिन चल सकते है बाद में अभक्ष्य है।
(६) रात्रि में बनी हुई वस्तु के उपयोग से अजयणा का दोष लगता है इसलिए सबेरे उजाला होने के बाद वस्तु बनानी चाहिए ।
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बूंदी के लड्डू में पानी के हाथ लगते हैं, केशर पानी में भिंगोकर मिठाई पर छांटते हैं उसमें पानी का अंश रह जाता है । उसका ध्यान रखें ।
गुड नाईट - 62
• बूंदी के
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