Book Title: Bhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Author(s): Yashwant Chauhan
Publisher: Shantinath Jain Shwetambar Mandir Trust

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Page 29
________________ * अतीत में तीर्थ का स्वरूप एवं विकास इस तीर्थ के वहीवटकर्ता श्री बागमलजी जैन, निवासी राजगढ़ विक्रम संवत : 1975 (भोपावर तीर्थ के आद्य व्यवस्थापक जिनके प्रयास एवं कड़ी मेहनत ने इस तीर्थ को विकास के मार्ग पर अग्रसर किया । इनके पश्चात् इनके सुपुत्र श्री मगनलालजी तथा रतनलालजी ने भी अपना सम्पूर्ण जीवन तीर्थ विकास में समर्पित किया इनके बाद सुपौत्र डॉ. प्रकाश जैन, इन्दौर ने सम्पूर्ण सम्पत्ति तीर्थ को दान देकर अपने पूर्वजों का नाम रोशन किया । वर्तमान में इस परिवार के श्री सुरेन्द्र जैन इस तीर्थ का सम्पूर्ण कार्यभार संभाल रहे है ।) हमारा भारत वर्ष धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से विश्व गुरु रहा है । इस देश का अतीत अत्यंत वैभवशाली था । आर्थिक रूप से सम्पन्न इस देश पर अनेक विदेशी आक्रमण हुए तथा उन्होने न केवल इस देश की आर्थिक सम्पन्नता को बल्कि इस देश की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को भी क्षतिग्रस्त किया। कालांतर में हमारा मालवांचल एवं भोपावर तीर्थ भी इससे अछूता नहीं रहा । 17

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