Book Title: Bhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Author(s): Yashwant Chauhan
Publisher: Shantinath Jain Shwetambar Mandir Trust

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Page 47
________________ भक्तामर तीर्थ अत्यंत आकर्षक है। यह तीर्थ वर्तमान आचार्य पूज्य श्री नवरत्नसागरजी की प्रेरणा से आकार ले रहा है । यहाँ पर I प्र. श्री अभ्युदयसागरजी म. सा. कि समाधि भी है । धार जिला मुख्यालय से लगभग 35 कि.मी. एवं भोपावर तीर्थ से लगभग 80 कि.मी. की दूरी पर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडवगढ़ स्थित है। इस ऐतिहासिक नगर में जैन धर्म के 7 वें तीर्थकर सुपार्श्वनाथजी एवं 16 वें तीर्थंकर भगवान शान्तिनाथजी के अत्यंत प्राचीन मन्दिर है । इस तीर्थ के लिए कहा जाता है 'मांडवगढ़ नो राजीयो नाम देव सुपास' भोपावर तीर्थ स्थल से लगभग 120 कि.मी. की दूरी पर लक्ष्मणी तीर्थ स्थित है। इस तीर्थ स्थल पर छठें तीर्थंकर व तीर्थ के मूलनायक श्री पद्मप्रभु की 4 फीट ऊँची भव्य प्रतिमा है । 66 राजगढ़ नगर से लगभग 70 कि.मी की दूरी पर तालनपुर स्थित है । जो प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है, यहां पर मुख्य रूप से दो मन्दिर है । जिनमें मूलनायक आदिनाथजी एवं गोड़ीपार्श्वनाथजी की प्रतिमा हैं । उज्जैन में अवन्ति पार्श्वनाथ की श्यामवर्णी प्रतिमा अर्द्ध पद्मासन मुद्रा में स्थित है। मक्सी में मक्सी पार्श्वनाथ, नागेश्वरजी तीर्थ में नागेश्वर पार्श्वनाथ की प्रतिमा, बिबड़ौद तीर्थ स्थल में मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान की श्यामवर्णी प्रतिमा है, सेमलियाजी तीर्थ स्थल में शान्तिनाथ भगवान की श्यामवर्णी प्रतिमा, श्री परासली में मूलनायक श्री आदिश्वर भगवान की पद्मासन प्रतिमा स्थित है। 35

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