Book Title: Bhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Author(s): Yashwant Chauhan
Publisher: Shantinath Jain Shwetambar Mandir Trust

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Page 45
________________ * तीर्थ पर उपलब्ध झुविधाएँ * ___ भोपावर तीर्थ स्थल उत्तरोत्तर विकास के मार्ग पर अग्रसर है। जहाँ एक शताब्दी पूर्व इस तीर्थ पर व्यवस्थाएँ नगण्य थी, वहीं विगत कुछ वर्षों से तीर्थ ने विकास के नये आयाम स्थापिटत किये है, और इस तीर्थ पर चहुंमुखी विकास हुआ है। टीर्थ पर ठहरने हेतु एक विशाल नवनिर्मित धर्मशाला है, जो सर्वसुविधा युक्त है। इस धर्मशाला में 20 कमरे हैं जो स्वच्छ, साफ-सुथरे एवं हवादार है। संघो के ठहरने के लिए यहाँ 2 विशाल हॉल है । यहाँ पर स्वच्छ पेयजल की उत्तम व्यवस्था है। इसके साथ ही राजगढ़ नगर में भी तीर्थ की धर्मशाला है। मुख्य मन्दिर के बाहर परिसर में एक विशाल उपाश्रय है जहाँ साधु-संटा ठहरते हैं। उपाश्रय के बाहर ही श्री शान्तिनाथ जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट की पेढ़ी है। साधु भगवंत की वैयावच्च, गोचरी आदि की व्यवस्था है। इस तीर्थ पर सर्वसुविधायुक्त, अत्याधुनिक एक विशाल भोजनशाला का निर्माण किया गया है। यह भोजनशाला सदैव चालू रहती है। यहाँ व्रतधारियों के लिए 12 माह पीने के गर्म पानी की व्यवस्था उपलब्ध रहती है। भोजनशाला में संघ के आने की अग्रिम सूचना पर विशेष व्यवस्था की जा सकती है। भोजनशाला का नवीन हाल इतना बड़ा है कि इसमें पांच सौ व्यक्ति एक साथ भोजन कर सकते है। पूर्व सूचना होने पर आयंबिल की व्यवस्था भी की जाती है। प्रायः भोजन की सभी तिथियाँ भरी जा चुकी हैं। फिर भी वर्तमान महंगाईको देखते हुए यात्रियों से आर्थिक सहयोठा की अपेक्षा है। तीर्थ स्थल पर अत्याधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त 200 कमरों की एक विशाल नई धर्मशाला निकट भविष्य में बनाने की योजना -(33)

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