Book Title: Bhopavar Tirth ka Sankshipta Itihas
Author(s): Yashwant Chauhan
Publisher: Shantinath Jain Shwetambar Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 37
________________ र बोलकर भूमिपूजन किया। इस शुभ अवसर में मंगल स्वरूप मालवा के इतिहास में प्रथम बार 1600 तेले का (अठम) का आह्वान किया था, जो पूर्ण हुआ। भूमि पूजन तथा 1600 तेले का सम्पूर्ण लाभ इन्दौर निवासी श्रीमती ललिताबेन हिम्मतभाई ओघवजी गाँधी परिवार ने लिया था। इसके बाद भूमि पूजन स्थल पर 60 फीट लम्बा 60 फीट चौड़ा तथा 27 फीट गहरा गड्डा खोदा ठाया । 5 जून को शुभ मुहूर्त में जिनालय का भव्यातिभव्य शिलान्यास समपन्न हुआ। इस अवसर पर 16000 आयंबिल का ऐतिहासिक आह्वान किया गया था, तथा बड़े पैमाने पर गाँव-गाँव आयंबिल आराधना हुई। . शिला स्थापना समारोह का सम्पूर्ण लाभ राधनपुर निवासी मातुश्री कंचनबेन रसिकलाल गाँधी परिवार, मुम्बई ने लिया था। शिलान्यास समारोह संपन्न होते ही युद्ध स्तर पर विशाल गड्डे को पत्थरों की जुड़ाई करके भरा गया तथा नींव इतनी मजबूत बनाई ठगई कि भूकम्प के बड़े झटकों का भी जिनालय पर कोई असर न । हो। ___ मन्दिर का जीर्णोद्धार का कार्य द्रुतगति से चल रहा है। पू.आचार्य श्री नवरटनसागर सूरीश्वरजी म.सा. के मार्गदर्शन तथा प्रेरणा से चल रहे, इस तीर्थोद्धार के कार्यको परम गुरूभक श्रेष्ठिवर्य श्री रमणलालजी जैन (मोन्टेक्स ग्रुप) ने अभूतपूर्व सहयोग देकर उठा लिया, उन्ही के नेतृत्व में तीर्थोद्धार का कार्य चल रहा है। शान्तिनाथ प्रभु के इस तीर्थ का कार्य सुन्दर एवं श्रेष्ठ हो इस हेतु श्रेष्ठिवर्य श्री कुमारपाल भाई वी.शाह, थोलका वालों ने भी पूरा - पूरा सहयोगा एवं माठदिर्शन दिया। टीर्थ के संचालन एवं जिनालय निर्माण आदि सम्पूर्ण कार्य को धार निवासी श्रेष्ठिवर्य श्री सुरेन्द्रकुमारजी राजमलजी जैन (पेट्रोल पंप वाले) ने सुन्दर रूप से संभाला है। सोमपुरा महेन्द्रभाई माण्डवी, पालीताणा वालों ने इस भव्य जिनालय के डिज़ाईन, - नक्शे आदि बनाकर इस तीर्थ को अद्वितीय रूप देने का संकल्प (25)

Loading...

Page Navigation
1 ... 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58