Book Title: Bharatiya Sanskruti me Jain Dharma ka Yogdan
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Madhyapradesh Shasan Sahitya Parishad Bhopal
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जैन कला
के मध्य में पाश्र्वनाथ की प्रतिमा ध्वजायुक्त व शिखरबद्ध मन्दिर में विराजमान चित्रित की गई है कि यह मन्दिर शत्रुजय का है, और वे पांच सिद्धमूर्तियाँ पाँच पाण्डवों की हैं, जिन्होंने शत्रुजय से मोक्ष प्राप्त किया था। ऐसे और भी अनेक वस्त्रपट प्राप्त हुए हैं। इनका उपयोग सम्भवतः उपासना व ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता था। किन्तु कला की दृष्टि से भी इनका बड़ा महत्व है।
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